PM Modi 75th Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार 17 सितंबर को उनके जन्मदिन के अवसर पर भाजपा ने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक ‘सेवा पखवाड़ा’ आयोजित करने की योजना बनाई है. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता #MYMODISTORY के हैशटैग के साथ अपने निजी अनुभव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जुड़ी यादें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मौके पर एक बेहद खास और भावुक किस्सा साझा किया है, जो उनके और प्रधानमंत्री मोदी के लंबे राजनीतिक संबंध की कहानी बताता है.
पहली मुलाकात: एकता यात्रा की चुनौती
शिवराज सिंह चौहान ने अपने अनुभव में बताया कि उनकी और नरेंद्र मोदी की पहली मुलाकात 1992-93 में हुई. उस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी जी ने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की एकता यात्रा की योजना बनाई थी. कश्मीर की घाटी में आतंकवाद चरम पर था और श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराना कोई आसान काम नहीं था.
यात्रा का उद्देश्य पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोना और आतंकवाद को चुनौती देना था. इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए नरेंद्र मोदी को यात्रा का प्रभारी बनाया गया. शिवराज सिंह चौहान उसी समय केसरिया ब्रिगेड के राष्ट्रीय संयोजक बने और उनकी पहली मुलाकात मोदी जी से हुई.
उपयात्राओं का संगठन और जनता को जोड़ना
मोदी जी ने मुख्य यात्रा के साथ-साथ जगह-जगह उपयात्राएं आयोजित करने का सुझाव दिया. उनका मानना था कि देश के हर हिस्से से लोग इस यात्रा में जुड़ें और देशभक्ति का संदेश हर कोने तक पहुंचे. शिवराज सिंह चौहान को एक उपयात्रा का जिम्मा दिया गया, जो जबलपुर, मंडला, मैहर, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर से होकर मुख्य यात्रा से जुड़ती थी.
मोदी जी दिन-रात मेहनत करते, हर समाज वर्ग को जोड़ते और यात्रा को जन आंदोलन बनाने के लिए लगातार नए कार्यक्रम सुझाते. उनकी आंखों में आत्मविश्वास, उत्साह और दृढ़ संकल्प स्पष्ट दिखाई देता था.
लाल चौक पर तिरंगा फहराना
यात्रा के अंतिम चरण में तय हुआ कि केवल नरेंद्र मोदी और कुछ चयनित कार्यकर्ता ही लाल चौक पर तिरंगा फहराएंगे. लाखों युवा और कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए तैयार थे. मोदी जी ने अपने अनुयायियों को उत्साहित किया और सुनिश्चित किया कि लाल चौक पर तिरंगा फहराना सफल हो.
श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद मोदी जी भावुक हो गए. उनका कठोर और अनुशासित व्यक्तित्व, साथ ही संवेदनशील हृदय, इस मौके पर पूरी तरह दिखा. उनके दृढ़ संकल्प और संवेदनशील नेतृत्व ने देशभक्ति की भावना को और भी गहरा कर दिया.
मोदी जी की प्रेरणा
शिवराज सिंह चौहान उस पल को याद करते हुए कहते हैं कि नरेंद्र मोदी केवल नेता नहीं, बल्कि एक युगपुरुष और प्रेरक व्यक्तित्व हैं. उनके साथ काम करना और उनके नेतृत्व के अनुभव को साझा करना हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है. शिवराज सिंह चौहान का यह अनुभव यह दिखाता है कि मोदी जी के जज्बे, उनके दृढ़ संकल्प और संवेदनशील हृदय में एक अद्भुत संतुलन है.
यह कहानी केवल राजनीतिक अनुभव नहीं, बल्कि देशभक्ति, सेवा और नेतृत्व की एक जीवंत मिसाल है, जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है.