Tejashwi Yadav Journey: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) के लिए राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं. सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों में जुटी हैं और इस चुनाव में सबसे चर्चित नाम है तेजस्वी यादव का. राघोपुर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के साथ ही तेजस्वी ने स्पष्ट कर दिया कि वे केवल इस सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. उनके खिलाफ अटकलें थीं कि वे फुलपरास से भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी प्राथमिकता राघोपुर पर ही रखी. तेजस्वी यादव की राजनीतिक स्थिति, उनके परिवारिक पृष्ठभूमि, क्रिकेट करियर और बिहार की राजनीति में उनकी भूमिका को समझना इस चुनाव को समझने के लिए बेहद जरूरी है.
बिहार चुनाव 2025
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे. हाजीपुर अनुमंडल कार्यालय में नामांकन दाखिल करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वे दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनके हलफनामे में संपत्ति का ब्यौरा भी सामने आया, जिसमें उनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति शामिल है. बिहार में राजनीतिक माहौल गर्म है. NDA गठबंधन ने सीट शेयरिंग की घोषणा कर दी है. बीजेपी और हम पार्टी के बाद JDU ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं. तेजस्वी यादव ने चुनाव में डिजिटल कैंपेनिंग और युवा वर्ग को जोड़ने की रणनीति अपनाई है.
तेजस्वी यादव कौन हैं?
तेजस्वी प्रसाद यादव का जन्म 9 नवंबर 1989 को गोपालगंज, बिहार में हुआ. वे भारतीय राजनीति के जानकार और अनुभवी परिवार से आते हैं. उनके पिता, लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी मां, राबड़ी देवी, भी बिहार की राजनीति में सक्रिय रही हैं. तेजस्वी वर्तमान में बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता हैं. वे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख हैं, जो बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है. उनकी संपत्ति लगभग 1.98 करोड़ रुपये है और उनके परिवार की कुल संपत्ति भी करोड़ों में है.
तेजस्वी यादव का क्रिकेट करियर
तेजस्वी बचपन से ही क्रिकेट प्रेमी रहे हैं. उन्होंने दिल्ली के लिए U-15, U-17 और U-19 टीमों में खेला. U-19 क्रिकेट टीम में वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ियों के बीच वे स्टैंडबाय खिलाड़ी भी रहे. 2008 में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली डेयरडेविल्स में शामिल किया गया. हालांकि वे पूरे सीजन में रिजर्व बेंच पर रहे. क्रिकेट में उनका अनुभव और अनुशासन भविष्य की राजनीति में उनकी योजना बनाने और टीम मैनेजमेंट में भी काम आता है.
राजनीतिक करियर की शुरुआत और महागठबंधन
2010 में तेजस्वी ने RJD के लिए प्रचार करना शुरू किया. उन्होंने डिजिटल और आधुनिक कैंपेनिंग तकनीकों को अपनाकर पार्टी की पहुंच को बढ़ाया. 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में राघोपुर सीट से चुनाव लड़ा. गठबंधन को विधानसभा में बड़ी संख्या में बहुमत मिला और तेजस्वी को बिहार के उप मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण, वन और पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी संभाली.
विवाद और राजनीतिक मजबूत स्थिति
2017 में तेजस्वी और उनके परिवार के खिलाफ CBI ने एक केस दर्ज किया, जिसके बाद ED ने 2004 में रेलवे खानपान और पर्यटन निगम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की. इस विवाद के कारण जेडीयू ने गठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई. 2018 में तेजस्वी ने साबित किया कि वह उस समय केवल 14 साल के थे और किसी भी आरोप में उनका कोई हाथ नहीं था. इसके बाद वे RJD के डि-फैक्टो नेता बन गए और 2019 के बिहार बाढ़ राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
2020 विधानसभा चुनाव और विपक्ष की भूमिका
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार थे. गठबंधन को 110 सीटें मिलीं, जिसमें RJD को 75 सीटें मिलीं. बहुमत नहीं होने के कारण सरकार बनाने में असफल रहे. इसके बाद तेजस्वी को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया. उनकी राजनीतिक छवि युवा, डिजिटल और समर्पित नेता की बनी. विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना की और जनता के मुद्दों को उजागर किया.
तेजस्वी यादव की संपत्ति और चुनावी स्थिति
तेजस्वी यादव की संपत्ति करोड़ों में है. उनकी पत्नी राजश्री यादव और बच्चों के नाम पर भी संपत्तियां दर्ज हैं. बिहार चुनाव 2025 में तेजस्वी ने राघोपुर सीट पर ही अपना नामांकन दाखिल किया है. उनकी रणनीति में युवा वोटर और डिजिटल माध्यमों का विशेष ध्यान है. RJD का संगठन पहले से मजबूत है और तेजस्वी के नेतृत्व में पार्टी 2025 के चुनाव में बड़ा दांव खेल रही है.