Himachal Pradesh News: इस बार हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है. खेतों में खड़ी फसलें 725 हेक्टेयर में बर्बाद हो गईं और किसानों को करीब 2.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलभूषण धीमान के मुताबिक, इस साल जिले में 30,850 हेक्टेयर में मक्का बोई गई थी, जिसमें से 668 हेक्टेयर की फसल बारिश और जलभराव से बर्बाद हो गई. इससे किसानों को लगभग 1.88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. अब खेतों में सड़ती हुई मक्के की फसल दिखाई दे रही है, जो दो महीने की लगातार बारिश की मार का सबूत है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, धान और सब्जियों की फसलें भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. 200 हेक्टेयर में बोई गई धान की फसल में से 68 हेक्टेयर खराब हो गई, जिससे 19 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. सब्जी उगाने वाले किसानों को भी 33 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जहां 411 हेक्टेयर में बोई गई फसल में से 38 हेक्टेयर पूरी तरह बर्बाद हो गई. इस तरह जिले में किसानों को कुल 2.44 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
बारिश से आलू की बुवाई प्रभावित
खास बात यह है कि लगातार हो रही बारिश की वजह से ऊना में आलू की बुवाई का सीजन भी प्रभावित हुआ है. बुवाई करीब 10 दिन देर से शुरू होगी. कृषि उपनिदेशक कुलभूषण धीमान ने कहा कि आलू की फसल, जो दिवाली से पहले दो महीने में तैयार होती है, ऊना के किसानों के लिए अच्छी आमदनी का जरिया होती है, क्योंकि इसके बाद गेहूं की बुवाई होती है. लेकिन अब बुवाई इस बात पर टिकी है कि बारिश रुके और खेत जल्दी सूखें.
धीमान ने कहा कि अगर आगे बारिश नहीं होती, तो किसान अभी भी आलू बो सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आलू के बाजार भाव पर पंजाब के हालात का भी असर पड़ेगा, क्योंकि वहां भी खेतों में पानी भरा हुआ है. अगर पंजाब के किसान समय पर बुवाई नहीं कर पाए, तो इसका असर दामों पर दिख सकता है.
हिमाचल में अब तक 366 लोगों की मौत
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इस बार मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है. फसल के साथ-साथ इंसान को भी नुकसान पहुंचा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के मुताबिक, अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 203 लोगों की जान बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, अचानक आई बाढ़, डूबने और आकाशीय बिजली गिरने से गई है, जबकि 163 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं.सरकार के अनुमान के अनुसार, अब तक सार्वजनिक और निजी संपत्ति को कुल 4,080 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
 
 
                                                             
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    