BKE ने भरी हुंकार, 1 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे किसान.. तैयार हुआ प्लान

BKE अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख और उनकी टीम गांव-गांव जाकर किसानों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं. औलख ने कहा कि किसान 1 सितंबर सुबह 10 बजे से कुरुक्षेत्र के पिपली रोड स्थित ताऊ देवी लाल पार्क में जुटना शुरू करेंगे.

नोएडा | Updated On: 31 Aug, 2025 | 12:12 PM

भारतीय किसान एकता (BKE) ने 1 सितंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कुरुक्षेत्र स्थित निवास के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. संगठन ने किसानों और मजदूरों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है. यह प्रदर्शन खेती से जुड़े लंबे समय से लटके मुद्दों को लेकर किया जा रहा है. BKE के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख, गुरपिंदर सिंह कहलों, कुलतार सिंह, सुरेश सोखल और सरबजीत कम्बोज पिछले कुछ दिनों से नाथूसरी चौपटा क्षेत्र के गांवों में जाकर किसानों से इस प्रदर्शन में भाग लेने की अपील कर रहे हैं. औलख ने कहा कि किसान 1 सितंबर सुबह 10 बजे से कुरुक्षेत्र के पिपली रोड स्थित ताऊ देवी लाल पार्क में जुटना शुरू करेंगे. वहां से मार्च करते हुए वे मुख्यमंत्री के आवास तक जाएंगे.

औलख ने तर्कांवाली गांव में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिसार घग्गर ड्रेन को कभी चोपटा क्षेत्र को जलभराव से बचाने के लिए बनाया गया था, लेकिन प्रशासन और सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण हर साल हजारों एकड़ फसल बरसात में बर्बाद हो जाती है. उन्होंने इस समस्या का स्थायी समाधान मांगते हुए कहा कि अगर जलभराव पर काबू नहीं पाया गया, तो इस इलाके की खेती बर्बाद हो जाएगी. लखविंदर सिंह औलख ने सिंचाई व्यवस्था की खराब हालत पर चिंता जताई और नहरों की नियमित सफाई व सिंचाई तंत्र को सुधारने की मांग की. उन्होंने कहा कि जहां पंजाब और हरियाणा के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश से बाढ़ आ रही है, वहीं सिरसा और फतेहाबाद जैसे जिलों तक नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है.

स्मार्ट मीटर योजना का भी विरोध किया

लखविंदर सिंह औलख ने 2025 बिजली बिल प्रस्ताव और स्मार्ट मीटर योजना का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह योजनाएं किसानों के हित में नहीं हैं और इन पर दोबारा विचार होना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि किसानों की सहमति के बिना उनके KCC खातों से बीमा प्रीमियम नहीं काटा जाना चाहिए. औलख ने बताया कि खरीफ 2023 में फसल खराब होने के बावजूद किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिला, बल्कि महीनों बाद बैंकों ने सिर्फ प्रीमियम वापस कर दिया. उन्होंने मांग की कि क्लेम दोबारा जारी किया जाए और इसके लिए किसानों से ताजा प्रीमियम लिया जाए. साथ ही उन्होंने सरकार से कई मांगें भी की हैं.

किसानों की मुख्य मांगें

  • स्वामीनाथन आयोग के C2+50 फॉर्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया जाए.
  • फसलों की गारंटीकृत खरीद सुनिश्चित की जाए.
  • नकली और घटिया बीज, खाद व कीटनाशकों की बिक्री पर सख्त रोक लगे.
  • खाद वितरण में पारदर्शिता लाई जाए ताकि कालाबाजारी रुके.

 

Published: 31 Aug, 2025 | 11:59 AM