भारत में गायों की कई देसी नस्लें पाई जाती हैं, जो अपने खास गुणों के लिए जानी जाती हैं. इन्हीं में से एक है केरल की माणिक्यम गाय, जो दुनिया की सबसे छोटी गाय मानी जाती है. इसकी ऊंचाई मात्र 3 से 4 फीट होती है और वजन लगभग 130 किलो तक होता है. माणिक्यम गाय न केवल छोटी कद-काठी की होती है, बल्कि इसका दूध भी अत्यंत पौष्टिक होता है. इसकी देखभाल में ज्यादा खर्च नहीं आता, इसलिए यह पशुपालकों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है.
माणिक्यम गाय: दुनिया की सबसे छोटी गाय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माणिक्यम गाय को दुनिया की सबसे छोटी गाय के रूप में 2014 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया. यह भारतीय राज्य केरल की वेचुर नस्ल की एक गाय है. इस नस्ल की खास बात यह है कि इसका आकार छोटा होते हुए भी यह पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय रहती है. इसकी ऊंचाई लगभग 61.1 सेमी और वजन करीब 90 से 120 किलोग्राम तक होता है. इसके बैल थोड़े भारी होते हैं और उनका वजन लगभग 138 किलोग्राम तक हो सकता है. यह नस्ल कम चारा खाने में भी जीवित रह सकती है, जिससे इसकी देखभाल आसान हो जाती है.
दूध देने की क्षमता और पोषण से भरपूर
वैसे तो माणिक्यम गाय का आकार छोटा होता है, लेकिन दूध देने की क्षमता में यह किसी से कम नहीं है. यह गाय प्रतिदिन करीब 3 लीटर दूध देती है, जो ए2 बीटा-कैसिइन प्रोटीन से भरपूर होता है. इस दूध को पचाना आसान होता है और यह मधुमेह (डायबिटीज) और हृदय रोग जैसी बीमारियों से बचाने में मददगार माना जाता है. इसके दूध से घी, मक्खन और अन्य दुग्ध उत्पाद बनाए जाते हैं, जो आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होते हैं. इसकी वजह से वेचूर गाय के दूध की मांग दिनों-दिन बढ़ रही है.
कैसे करें माणिक्यम गाय की नस्ल की पहचान
माणिक्यम गाय की पहचान करना मुश्किल नहीं है, इसके कुछ खास लक्षण होते हैं:
- सींग: छोटे, पतले और हल्के मुड़े हुए होते हैं.
- रंग: हल्का लाल, काला, सफेद या भूरा.
- शरीर: छोटा लेकिन मजबूत और सुगठित.
- वसा (Fat) की मात्रा: दूध में 4.7 फीसदी से 5.8 प्रतिशत तक फैट होता है.
- कद और वजन: औसत ऊंचाई 61.1 सेमी और वजन 130 किलोग्राम.
ये सारे गुण इस गाय को न केवल खास बनाते हैं, बल्कि इसकी पहचान भी आसान बनाते हैं.
बचाने में रहा एक प्रोफेसर और टीम का बड़ा योगदान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक समय ऐसा भी आया जब माणिक्यम गाय की नस्ल लगभग विलुप्त होने की कगार पर थी. उस समय एक प्रोफेसर और उनके छात्रों ने मिलकर इस नस्ल को बचाने की मुहिम चलाई. उन्होंने इस देसी नस्ल के संरक्षण के लिए अथक प्रयास किए और इसके महत्व को दुनिया के सामने लाया. आज उनकी मेहनत की बदौलत वेचूर गाय की नस्ल फिर से लोकप्रिय हो गई है. यह योगदान न केवल पशुधन संरक्षण में महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देसी नस्लों की अहमियत समझाने का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है.
माणिक्यम गाय की खासियतें जो बनाती हैं इसे खास
- कम चारे में भी रह सकती है, जिससे छोटे किसानों के लिए पालन करना आसान होता है.
- यह गाय कम बीमार पड़ती है, जिससे दवाई और डॉक्टर का खर्च कम आता है.
- इसका स्वभाव शांत और मिलनसार होता है.
- इसके दूध से बनने वाले उत्पाद स्वास्थ्यवर्धक होते हैं.
- यह नस्ल गर्मी और बरसात दोनों में भी अच्छी तरह से अनुकूल हो जाती है.
- इन खासियतों की वजह से अब देश के कई हिस्सों में वेचूर गाय को अपनाया जा रहा है.
कीमत और खरीदारी की जानकारी
अगर आप माणिक्यम गाय खरीदना चाहते हैं, तो इसकी कीमत गाय की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है. आमतौर पर भारतीय बाजार में इसकी कीमत 50,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है. कुछ जगहों पर नस्ल की शुद्धता के अनुसार कीमत और भी अधिक हो सकती है. देश के अलग-अलग राज्यों में कीमतों में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है, लेकिन यह एक लाभदायक निवेश माना जाता है, खासकर अगर आप जैविक डेयरी प्रोडक्ट या देसी नस्ल के पालन में रुचि रखते हैं.