Karnataka News: कर्नाटक सरकार ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है. कृषि विभाग देश में पहली बार ऐसा AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म शुरू करने जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह प्लेटफॉर्म किसानों को उनकी इलाके के हिसाब से सलाह और रियल-टाइम जानकारी देगा. यानी इस प्लेटफॉर्म से किसानों को सीधा फायदा होगा. उन्हें खेती-बाड़ी से संबंधित सटीक और समय पर जानकारी मिलेगी. इससे बाढ़ और बारिश से होने वाले फसल नुकसान में कमी आएगी. साथ ही किसानों की कमाई में इजाफा होगा.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सिस्टम खरीफ 2026 तक लॉन्च होने की उम्मीद है और राज्य के एक करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा पहुंचाएगा. कृषि विभाग के डायरेक्टर जीटी पुत्रा ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म ISRO, KSRSAC और BEL की मदद से बनाया जा रहा है. विभाग ने BEL के साथ समझौता भी कर लिया है और पूरा सिस्टम बेंगलुरु स्थित विभाग के मुख्यालय से चलाया जाएगा. बड़ी बात यह है कि किसानों को सभी अलर्ट और मैसेज कन्नड़ में भेजे जाएंगे, ताकि वे आसानी से समझ सकें.
एक करोड़ से ज्यादा किसानों को फायदा
जॉइंट डायरेक्टर डीपजा एसएम के अनुसार, यह प्रोजेक्ट अभी प्रस्ताव स्तर पर है. उन्होंने कहा कि FRUBIS पोर्टल पर एक करोड़ से ज्यादा किसानों की लोकेशन सहित पूरी जानकारी उपलब्ध है. प्लेटफॉर्म तैयार होने के बाद किसानों को बीज बुवाई से लेकर फसल कटाई तक हर चरण पर सलाह मिलती रहेगी. किसानों को उनके गांव या इलाके के मुताबिक अलर्ट भेजे जाएंगे. बुवाई से पहले उन्हें मॉनसून की जानकारी मिलेगी. जैसे बारिश जल्दी आएगी या देर से और उसके अनुसार क्या तैयारी करनी चाहिए, यह सब जानकारी भी भेजी जाएगी.
एआई से इस तरह की मिलेगी जानकारी
फसल बढ़ने के दौरान अगर नमी बढ़ जाए या मौसम खराब हो, तो यह सिस्टम किसानों को उचित कीटनाशक इस्तेमाल करने की सलाह भेजेगा. कटाई के समय चक्रवात का खतरा होने पर किसानों को अलर्ट मिलेगा कि कटाई टालनी है या अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए क्या कदम उठाने हैं. सभी संदेश इलाके के हिसाब से भेजे जाएंगे, ताकि जानकारी समय पर और सही मिले.
पहले से मौजूद है मित्र हेल्पडेस्क
हालांकि, राज्य में पहले से वरुण मित्र हेल्पडेस्क मौजूद है. यह वरुण मित्र हेल्पडेस्क अभी किसानों को मौसम, खासकर बारिश से जुड़ी जानकारी देता है. लेकिन डीपजा के मुताबिक नया AI सिस्टम इससे कहीं ज्यादा उन्नत होगा. यह सिर्फ मौसम ही नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं और खेती से जुड़ी कई जरूरी सलाह भी देगा, ताकि किसानों को पूरे खेती सीजन में बेहतर और समय पर मार्गदर्शन मिल सके.