Cotton Discount Scheme: कपास किसानों और व्यापारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. कपास निगम (CCI) ने अपने पुराने स्टॉक की बिक्री के लिए चलाई जा रही थोक छूट बिक्री योजना को अब 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है. पहले यह योजना केवल 1 से 15 सितंबर तक लागू थी, लेकिन खरीदारों की बढ़ती दिलचस्पी और बाजार की स्थिति को देखते हुए निगम ने इसकी अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस फैसले से मिलों और व्यापारियों को सस्ती दरों पर कपास खरीदने का अवसर मिलेगा, वहीं किसानों को नए सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी फसल बेचने की गारंटी भी बनी रहेगी.
स्टॉक कम करने की कोशिश
कपास निगम के पास फिलहाल 2024-25 सीजन का लगभग 12 लाख गांठ (bales) स्टॉक बचा हुआ है. सीजन की शुरुआत में निगम ने करीब एक करोड़ गांठों की खरीद एमएसपी पर की थी. अब इस बची हुई कपास को तेजी से निपटाने के लिए खरीदारों को 400 से 600 रुपये प्रति कैंडी (356 किलो) तक की अतिरिक्त छूट दी जा रही है. हाल ही में सरकार द्वारा कपास पर आयात शुल्क हटाने से घरेलू बाजार में कीमतों पर दबाव बढ़ गया था. इसी वजह से सीसीआई ने पहले ही फ्लोर प्राइस यानी न्यूनतम बिक्री मूल्य में 2,000 रुपये प्रति कैंडी तक की कमी कर दी थी.
अब तक की बिक्री का हाल
सितंबर के पहले चरण में ही 15 लाख गांठों से ज्यादा की बिक्री हो चुकी है. हाल ही में दो दिनों में करीब 5,800 गांठों की और बिक्री की गई, जिसमें 3,200 गांठें मिलों ने खरीदीं. इससे सीसीआई का स्टॉक घटकर पहले के 27 लाख गांठों से मौजूदा स्तर पर आ गया है.
नए सीजन की फसल की आवक
देश के कई हिस्सों में 2025-26 सीजन की नई कपास की आवक शुरू हो चुकी है. उत्तर और दक्षिण भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों से नई फसल बाजार में पहुंच रही है, लेकिन शुरुआती फसल में नमी ज्यादा होने के कारण फिलहाल इसकी कीमतें एमएसपी से नीचे चल रही हैं. सरकार ने इस सीजन के लिए मध्यम रेशा कपास का एमएसपी 7,710 रुपये प्रति क्विंटल और लंबे रेशे वाली कपास का एमएसपी 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. कपास एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, मंगलवार को देशभर में लगभग 13,900 गांठों की नई आवक दर्ज की गई.
रिकॉर्ड खरीद केंद्र तैयार
सरकार और कपास निगम ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए भी पूरी तैयारी कर ली है. देशभर के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में इस बार रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो. 1 अक्टूबर से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सरकारी खरीद की शुरुआत होगी. 15 अक्टूबर से मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा में, जबकि 21 अक्टूबर से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में खरीद शुरू की जाएगी. इस बार देशभर में लगभग 109.64 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई है, जो पिछले साल के 112.48 लाख हेक्टेयर की तुलना में थोड़ी कम है.
किसानों के लिए भरोसा
सरकार का कहना है कि किसानों को अपनी फसल एमएसपी पर बेचने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. थोक बिक्री योजना से जहां मिलों और व्यापारियों को कम दाम पर कपास खरीदने का लाभ मिलेगा, वहीं अक्टूबर से शुरू होने वाली सरकारी खरीद किसानों को उचित दाम और सुरक्षित बाजार का भरोसा देगी. यह कदम न केवल किसानों की आय को सुरक्षित करेगा बल्कि देश के कपास व्यापार को भी स्थिरता प्रदान करेगा.