Punjab News: पंजाब के लुधियाना में चल रहे गेहूं वितरण के दौरान जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने राशन डिपो धारकों से कहा है कि वे मुफ्त और सब्सिडी वाले राशन लेने वाले परिवारों का जाति विवरण इकट्ठा करें. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम केंद्र सरकार की जाति जनगणना से जुड़ा हो सकता है. इस अचानक जारी आदेश से जमीन पर भ्रम पैदा हो गया है, क्योंकि डिपो धारक और लाभार्थी समझ नहीं पा रहे कि इतनी देर में ये जानकारी क्यों मांगी जा रही है. अधिकारियों ने क्षेत्रीय निरीक्षकों को एक विस्तृत फॉर्म भेजा है, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत लाभार्थियों की जाति-वार सूची बनाने को कहा गया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फॉर्म में विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) परिवारों की संख्या पूछी गई है और वितरण के दौरान सामान्य डेटा चेक से आगे जाकर प्रत्येक लाभार्थी की सटीक जाति जानकारी मांगी गई है. एक वरिष्ठ खाद्य निरीक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह पहली बार नहीं है जब ऐसी जानकारी मांगी गई है. पहले भी चंडीगढ़ मुख्यालय ने इसी तरह के जाति विवरण मांगे थे, लेकिन इस बार फॉर्म बहुत अधिक विस्तृत और सटीक जानकारी मांग रहा है.
नियम बदल सकते हैं या उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा
वहीं, राशन डिपो धारकों ने इस आदेश को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि उन्हें कोई लिखित निर्देश नहीं दिए गए हैं. हैबोवाल के डिपो धारक अमरजीत सिंह ने कहा कि हमें केवल मौखिक रूप से कहा गया कि हर लाभार्थी की जाति दर्ज करें, लेकिन कोई लिखित निर्देश नहीं मिले. लोग पहले ही ई-KYC प्रक्रिया के दौरान समय पर गेहूं मिलने को लेकर परेशान हैं. अब जाति पूछने से डर है कि नियम बदल सकते हैं या उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा.
डेटा ल्याण योजनाओं को सही तरीके से लागू करने में मदद करेगा
वहीं विभाग के वरिष्ठ खाद्य निरीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि हमने डिपो धारकों को हेड ऑफिस के निर्देश के अनुसार जाति विवरण इकट्ठा करने को कहा है. यह हमारी आंतरिक डेटाबेस को मजबूत और अपडेट रखने का हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, ताकि रिकॉर्ड सही और सटीक बने. जाति की जानकारी लेने से लाभार्थियों का डेटा पूरा और स्पष्ट रहेगा, जो कल्याण योजनाओं को सही तरीके से लागू करने में मदद करेगा.
आप विधायक ने लगाया था बड़ा आरोप
वहीं, बीते अगस्त महीने में आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि केंद्र की मोदी सरकार साजिश के तहत पंजाब के 10 लाख राशन कार्ड धारकों के नाम हटाना चाहती है. आप विधायक और पूर्व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा था कि भाजपा जानबूझकर पंजाब के लोगों को निशाना बना रही है. इतना बड़ा कदम गरीबों, दलितों और वंचितों पर सीधा हमला है, और हम इसे किसी भी हालत में लागू नहीं होने देंगे.