LPG Price Hike: अक्टूबर महीने के पहले दिन 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल LPG सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए गए हैं. पीएम मोदी के बचत उत्सव और सरकार की ओर से जीएसटी में राहत की घोषणाओं के बीच यह बढ़ोतरी व्यापारियों और छोटे व्यवसायियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई. हालांकि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है.
कमर्शियल सिलेंडर के दाम कितने बढ़े?
सरकार ने अक्टूबर के पहले ही दिन कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 16 रुपये तक का इजाफा कर दिया है. अलग-अलग शहरों में नई कीमतें कुछ इस प्रकार हैं:
दिल्ली: 1580 → 1595 रुपये (+15)
कोलकाता: 1684 → 1700 रुपये (+16)
मुंबई: 1531 → 1547 रुपये (+16)
चेन्नई: 1738 → 1754 रुपये (+16)
इस बढ़ोतरी के साथ व्यापारिक इस्तेमाल में आने वाले गैस सिलेंडर महंगे हो गए हैं, जबकि घरेलू उपयोग के लिए सिलेंडर की कीमतों में अभी कोई बदलाव नहीं किए गए हैं.
पिछले महीनों में कीमतों का रुझान
दरअसल, पिछले कुछ महीनों में सरकार ने लगातार कमर्शियल सिलेंडर के दामों में कटौती की थी. सितंबर में ही सिलेंडर की कीमत 51.50 पैसे घटाई गई थी. लेकिन अक्टूबर की शुरुआत में अचानक बढ़ोतरी ने व्यापारियों और छोटे व्यवसायियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
घरेलू सिलेंडर के दाम पर स्थिरता
आम जनता के लिए सबसे राहत की बात यह है कि घरेलू LPG सिलेंडर के दाम अभी नहीं बढ़े हैं. लेकिन लंबे समय से लोग इसके दामों में कमी की उम्मीद कर रहे हैं. आखिरी बार अप्रैल में घरेलू सिलेंडर के दाम में 50 रुपये का इजाफा किया गया था. अक्टूबर में भी घरेलू सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
जनता की उम्मीदों पर फिरा पानी
देशवासियों ने दशहरा और दीवाली के मौके पर गैस सिलेंडर के दाम में राहत की उम्मीद रखी थी. विशेषकर कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में स्थिरता या कमी से छोटे व्यवसायों और रेस्टोरेंट्स को राहत मिलती. लेकिन इस बार सरकार ने कमर्शियल सिलेंडर के दामों में 16 रुपये की बढ़ोतरी कर दी और घरेलू सिलेंडर में कोई कमी नहीं की. इससे आम जनता और छोटे व्यवसायियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
अक्टूबर महंगाई की शुरुआत
इस महीने की शुरुआत के साथ ही LPG सिलेंडर के दाम बढ़ने से महंगाई का असर बढ़ सकता है. कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल छोटे रेस्टोरेंट्स, होटल्स और खाद्य व्यवसायों में होता है. दाम बढ़ने से खाद्य कीमतों में इजाफा होने की संभावना भी है. वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को फिलहाल कोई अतिरिक्त भार नहीं उठाना पड़ रहा है, लेकिन आर्थिक दबाव बढ़ने की संभावना बनी हुई है.