शुगर इंडस्ट्री को झटका: चावल से एथेनॉल महंगा, गन्ना आधारित कीमतें जस की तस

गन्ना, गन्ने की गुठली (मोलासेस), मकई और खराब अनाज से बनने वाले एथेनॉल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया. इस निर्णय का असर शुगर इंडस्ट्री पर पड़ा है और मिलों के मुनाफे पर दबाव बढ़ गया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 24 Sep, 2025 | 04:01 PM

 Ethanol prices: केंद्र सरकार ने 2025-26 के एथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) के लिए नई कीमतें घोषित कर दी हैं. इस बार एफसीआई चावल से बनने वाले एथेनॉल की कीमत में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है और इसे 60.32 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. वहीं, गन्ना, गन्ने की गुठली (मोलासेस), मकई और खराब अनाज से बनने वाले एथेनॉल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया. इस निर्णय का असर शुगर इंडस्ट्री पर पड़ा है और मिलों के मुनाफे पर दबाव बढ़ गया है.

एफसीआई चावल आधारित एथेनॉल के दाम बढ़े

सरकार ने एफसीआई से प्राप्त अधिशेष चावल से बनने वाले एथेनॉल की कीमत बढ़ाई है. इस फैसले से चावल आधारित एथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को लाभ हुआ है. तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने इस साल 1,050 करोड़ लीटर एथेनॉल की खरीद के लिए टेंडर जारी किए हैं. सप्लाई को साल भर के अलग-अलग चरणों में बांटा गया है.

  • नवंबर 2025: 100 करोड़ लीटर
  • दिसंबर 2025 और जनवरी 2026: 200-200 करोड़ लीटर
  • फरवरी-अप्रैल 2026: 280 करोड़ लीटर
  • मई-जुलाई 2026: 250 करोड़ लीटर
  • अगस्त-अक्टूबर 2026: 220 करोड़ लीटर

इस तरह सालभर में सप्लाई चरणबद्ध तरीके से होगी.

गन्ना आधारित एथेनॉल के दाम स्थिर

गन्ना, गन्ने की गुठली और जूस से बनने वाले एथेनॉल की कीमतें पिछले साल की तरह ही स्थिर रखी गई हैं. गन्ना जूस/सिरप से बनने वाले एथेनॉल का दाम 65.61 रुपये प्रति लीटर, B heavy molasses (BHM) से 60.73 रुपये और C heavy molasses (CHM) से 57.97 रुपये पर तय किया गया है. मकई और खराब अनाज से बनने वाले एथेनॉल की कीमतों में भी कोई बदलाव नहीं हुआ.

इसका असर गन्ना आधारित एथेनॉल बनाने वाली चीनी मिलों के मुनाफे पर पड़ा है. गन्ना की बढ़ी कीमतों के बावजूद उन्हें एथेनॉल से ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा.

मिलों पर मार्जिन दबाव

विशेषज्ञों का कहना है कि गन्ना आधारित एथेनॉल की कीमतों में वृद्धि न होने से मिलों के मार्जिन सिकुड़ेंगे. सेंटरम कैपिटल के शैलेश कानानी ने बताया कि इस निर्णय से गन्ना आधारित एथेनॉल उत्पादकों के लिए वित्तीय दबाव बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि यह नीति लंबी अवधि में शुगर सेक्टर की स्थिरता के लिए चिंता का विषय हो सकती है.

चावल आधारित एथेनॉल को मिली राहत

दूसरी ओर, चावल आधारित एथेनॉल उत्पादकों को राहत मिली है. कीमत में बढ़ोतरी के साथ अब उन्हें अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलेगा. एफसीआई से अधिशेष चावल मिलने की दर भी 23.20 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है, जो पिछले साल 22.50 रुपये थी.

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