Mixed Farming: कई राज्यों में अभी भी आलू की बुवाई हो रही है. किसान पछेती किस्म की बुवाई कर रहे हैं. लेकिन ऐसे किसानों को मिश्रित खेती की तकनीक अपनानी चाहिए. इससे किसान कम खर्च में एक साथ दो फसल की पैदावार ले सकते हैं. खास बात यह है कि मौजूदा वक्त में मिश्रित खेती की तकनीक तेजी से बढ़ रही है. इससे किसानों की कमाई भी बढ़ रही है. अगर आप अभी आलू बोने के लिए खेत को तैयार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत ही काम की चीज है. अगर आप आलू की फसल के साथ मेथी की बुवाई करते हैं, तो आपका मुनाफा लगभग डबल हो जाएगा. खास बात यह है कि मेथी की फसल के लिए आपको अलग से सिंचाई और खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मेथी की फसल आलू की सिंचाई और खाद से ही तैयार हो जाएगी.
दरअसल, मेथी एक पूरक फसल है जो जल्दी तैयार हो जाती है. बड़ी बात यह है कि साथ में बुवाई करने पर आलू की उपज बढ़ाने में मदद करती है. यह तरीका कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देने वाला साबित हो रहा है. यही वजह है कि कई राज्यों में किसान आलू के साथ धड़ल्ले से मेथी की बुवाई कर रहे हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, मेथी एक तरह की लेग्यूम फसल है. इसकी जड़ों में मौजूद जीवाणु मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ाते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता के लिए बहुत जरूरी है. इससे आलू को अतिरिक्त पोषण मिलता है और खेत की मिट्टी लंबे समय तक उपजाऊ रहती है. जहां मेथी और आलू की संयुक्त खेती की गई है, वहां किसानों ने उपज में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी है.
90 दिनों में तैयार हो जाती मेथी की फसल
मेथी जल्दी तैयार होने वाली फसल है. बुवाई के 25-30 दिनों में हरी मेथी बाजार में बिक सकती है, जबकि 80-90 दिनों में इसके बीज भी तैयार हो जाते हैं. हरी मेथी सर्दियों में अच्छे दाम पर बिकती है और इसके बीज पूरे साल मांग में रहते हैं, जिससे किसान एक ही खेत से दो बार कमाई कर सकते हैं. आलू के साथ मेथी लगाने से खेत का उपयोग भी बेहतर होता है. जहां आलू के पौधे बढ़ने में समय लेते हैं, वहीं मेथी बीच की जगह भरकर मिट्टी को सुरक्षित रखती है, नमी बचाती है और आलू के कंद अच्छे आकार के बनते हैं.
मिट्टी की सेहत में होगा सुधार
मेथी की खेती कम लागत में होती है और बाजार में इसकी हमेशा मांग रहती है. जानकारों का कहना है कि अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से आलू और मेथी की मिश्रित खेती करते हैं, तो मिट्टी की सेहत सुधरेगी, लागत घटेगी और मुनाफा बढ़ेगा. यानी सीमांत और छोटे किसानों के लिए मिश्रित खेती एक लाभदायक तकनीक है.