घर पैठे करनी है बंपर कमाई तो करें जापानी बटेर का पालन, कम लागत में होगा ज्यादा मुनाफा

जापानी बटेर कम लागत में ज्यादा अंडे और पौष्टिक मांस देता है. इसके अंडे और मांस की बाजार में अच्छी मांग है. सही देखभाल और टीकाकरण से उत्पादन बेहतर होता है. यह किसानों के लिए लाभदायक व्यवसाय साबित हो रहा है.

Kisan India
नोएडा | Published: 20 Sep, 2025 | 09:53 PM

Quail farming: आप कम पूंजी में कोई ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, जिससे हर महीने अच्छी कमाई हो, तो जापानी विदेशी बटेर (Quail) का पालन आपके लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है. यह छोटा सा पक्षी आजकल पोल्ट्री फार्मिंग का नया हीरो बन चुका है. कम जगह में, कम खर्च में और कम समय में ज्यादा अंडे और मांस देने वाला यह पक्षी तेजी से किसानों की पहली पसंद बन रहा है. देश के कई हिस्सों में किसान देशी मुर्गी या ब्रायलर की बजाय अब बटेर पालन की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि इसमें जोखिम कम और मुनाफा दोगुना है.

क्या है जापानी विदेशी बटेर और क्यों है खास?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,जापानी विदेशी बटेर एक छोटा लेकिन अत्यंत उत्पादक पक्षी है. सामान्य देशी मुर्गी साल में लगभग 150 से 200 अंडे देती है, जबकि यह बटेर सालाना 300 से 350 अंडे देने की क्षमता रखता है, जो दुगुना प्रोडक्शन है. बटेर के अंडे आकार में बड़े और मजबूत होते हैं, साथ ही ये प्रोटीन से भरपूर और पौष्टिक होते हैं. इसलिए बाजार में इन अंडों की मांग काफी अधिक है. इन्हें स्थानीय बाजार, किराना दुकानों और होटलों को आसानी से सप्लाई किया जा सकता है.

सिर्फ अंडे ही नहीं, बटेर का मांस भी बाजार में उच्च कीमत पर बिकता है. यह मांस हल्का, स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, जिससे रेस्टोरेंट, होटल और स्पेशल मीट मार्केट में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. किसान इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि इसकी लागत कम और उत्पादन ज्यादा होता है.

कम जगह, कम खर्च-हर किसान के लिए आसान विकल्प

बटेर पालन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती. किसान इसे छोटी सी जगह या घर के एक कोने में भी आसानी से शुरू कर सकता है. इसके लिए भारी-भरकम सेटअप की जरूरत नहीं होती. एक साफ-सुथरा, हवादार और सुरक्षित पिंजरा या पोल्ट्री हाउस पर्याप्त होता है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, ताजी हवा और साफ पानी की अच्छी व्यवस्था हो. बटेर पालन में कम पूंजी निवेश लगता है, लेकिन मुनाफा अच्छा होता है. यह कम लागत में आय बढ़ाने का एक बेहतरीन विकल्प है.

बटेर का आहार और देखभाल कैसे करें?

बटेर को स्वस्थ रखने के लिए उसे सही और पौष्टिक आहार (Nutritious Food) देना बहुत जरूरी है. बाजार में खास पोल्ट्री फीड मिलता है, जिसमें प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन अच्छी मात्रा में होते हैं. साथ ही, बटेर को हमेशा साफ और ताजा पानी देना चाहिए. रख-रखाव में सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, हफ्ते में कम से कम दो बार बाड़े की सफाई जरूर करें. इससे बीमारियों का खतरा कम होता है. इसके अलावा, नीम की पट्टी से छिड़काव भी कर सकते हैं, जो प्राकृतिक रूप से कीटों से सुरक्षा देता है और पक्षियों को स्वस्थ रखता है.

टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल है बेहद जरूरी

जैसे इंसानों को बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी होता है, वैसे ही बटेर पक्षियों के लिए भी नियमित टीकाकरण आवश्यक है. इससे पक्षी सामान्य बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं और उनकी सेहत अच्छी बनी रहती है. टीकाकरण के लिए किसान स्थानीय पशु चिकित्सक या पोल्ट्री एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. इसके अलावा, समय-समय पर पक्षियों की स्वास्थ्य जांच कराना भी जरूरी है ताकि कोई बीमारी शुरू होने से पहले ही पता चल सके और उसे रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें. इससे पक्षी स्वस्थ और उत्पादक बने रहते हैं.

अंडे और मांस बेचकर कमाएं दोगुना मुनाफा

जापानी बटेर (Japanese Quail) के अंडे और मांस दोनों ही बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं. अंडे आप स्थानीय बाजार, किराना दुकानों या सीधे होटलों को सप्लाई कर सकते हैं. वहीं, मांस की बिक्री होटल, रेस्टोरेंट और प्रोसेसिंग यूनिट्स में होती है. बटेर का मांस स्वास्थ्य के लिहाज से हल्का और पौष्टिक होता है, जिससे स्वास्थ्य जागरूक ग्राहकों में इसकी मांग ज्यादा है. त्योहारी सीजन, शादी-ब्याह और खास मौकों पर इसकी कीमत और मांग दोनों बढ़ जाती हैं, जिससे किसानों की आय में काफी बढ़ोतरी होती है और मुनाफा दोगुना हो जाता है.

बटेर पालन क्यों है देशी मुर्गी से बेहतर विकल्प?

जापानी बटेर पालन मुर्गियों की तुलना में तेजी से बढ़ने वाला और ज्यादा अंडे देने वाला व्यवसाय है. यह कम उम्र में तैयार हो जाती है और साल भर में दोगुने अंडे देती है. इसके अलावा, बटेर पर बीमारियों का असर कम होता है, जिससे नुकसान की संभावना कम रहती है. पालन के लिए शेड या फीड की लागत भी कम होती है, जिससे छोटे किसान भी आसानी से इसे अपना सकते हैं. बाजार में बटेर के अंडे और मांस की मांग देशी मुर्गी से अधिक होती है और कीमत भी अच्छी मिलती है, इसलिए यह व्यवसाय लाभकारी है.

निम्नलिखित फसलों में से किस फसल की खेती के लिए सबसे कम पानी की आवश्यकता होती है?

Poll Results

गन्ना
0%
धान (चावल)
0%
बाजरा (मिलेट्स)
0%
केला
0%