गौशाला खोलने पर किसानों को 40 लाख रुपये मिलेंगे, पशुपालकों से दूध भी सरकार खरीदेगी

मध्यप्रदेश सरकार गौशाला खोलने वाले किसानों को आर्थिक सहायता दे रही है. इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और दूध उत्पादन से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 26 Sep, 2025 | 01:58 PM

Madhya Pradesh News:- मध्य प्रदेश सरकार अब किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से और मजबूत बनाने के लिए नए कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि जो किसान गौशाला खोलना चाहते हैं, उन्हें लगभग 40 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके अलावा, सरकार खुद दूध खरीदेगी, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और प्रदेश दुग्ध उत्पादन में नंबर वन बन सके.

गौशाला खोलने पर मिलेगा 40 लाख रुपये तक फायदा

प्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि जो भी किसान या पशुपालक गौशाला खोलना चाहते हैं, उन्हें करीब 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस योजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन बढ़ाना, गायों की देखभाल को बेहतर बनाना और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है.

10 लाख रुपये की सब्सिडी, नहीं लौटाना होगा पैसा

इस योजना के तहत, किसानों को मिलने वाली कुल सहायता राशि में से 10 लाख रुपये की सब्सिडी होगी. यानी यह पैसा उन्हें सरकार को लौटाना नहीं होगा. बाकी राशि विभिन्न कार्योंजैसे शेड निर्माण, चारा भंडारण, जल व्यवस्था और अन्य बुनियादी ढांचेके लिए दी जाएगी. इससे किसानों को गौशाला खोलने में कोई बड़ी आर्थिक दिक्कत नहीं होगी. सरकार ने यह भी कहा है कि गौशालाओं से दूध की खरीद भी की जाएगी. इससे किसानों को एक स्थायी और भरोसेमंद आमदनी का स्रोत मिलेगा. इस कदम से न सिर्फ पशुपालक लाभान्वित होंगे, बल्कि राज्य में दुग्ध उत्पादन को भी नई ऊंचाई मिलेगी. यह योजना खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद होगी जो गाय पालन में रुचि रखते हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण शुरुआत नहीं कर पा रहे थे.

फसल नुकसान पर मिलेगा सर्वे के बाद मुआवजा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जहां-जहां सोयाबीन की फसल अधिक बारिश या बीमारियों की वजह से खराब हुई है, वहां सरकार द्वारा सर्वे करवाया जा रहा है. सर्वे के बाद किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके. उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी भी किसान को घाटा नहीं होने दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) केंद्र सरकार ने 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. मध्यप्रदेश के किसानों को भी यही रेट मिलेगा. इसके अलावा, अगर किसी फसल की बिक्री MSP से कम रेट पर होती है, तो भावांतर योजना के तहत सरकार किसानों को अंतर की राशि सीधे खाते में भेजेगी. धान की फसल पर भी बोनस राशि दी जा रही है.

लाड़ली बहनों और किसानों को मिल रही सीधी आर्थिक मदद

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लाड़ली बहनों को अब हर महीने 1500 रुपये की राशि दी जाएगी, खासकर दीपावली और भाईदूज के मौके से शुरू करके. किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाएं पहले से चल रही हैं, जिससे उनकी जिंदगी को बेहतर और खुशहाल बनाया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान और बहन आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके.

विकास कार्यों की भरमार, पशुपालन को मिल रहा बढ़ावा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागर जिले के जैसीनगर (अब जयशिवनगर) में एक कार्यक्रम के दौरान 215 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब दुग्ध उत्पादन में तीसरे नंबर पर है, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को पहले नंबर पर लाया जाए. इसी वजह से गाय पालन, दूध खरीद और पशुपालन को खास बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा, जैसीनगर में कॉलेज, स्कूल और सड़क निर्माण जैसी घोषणाएं भी की गईं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 26 Sep, 2025 | 01:58 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.