Goat farming : कहते हैं- बकरी जितनी तंदुरुस्त, किसान उतना खुशहाल. आज के दौर में बकरी पालन (Goat Farming) केवल ग्रामीण रोजगार का जरिया नहीं रहा, बल्कि यह एक ऐसा व्यवसाय बन चुका है, जो सही देखभाल और पोषण से किसानों को लाखों की आमदनी दे सकता है. बकरियों से मिलने वाला दूध, मांस और गोबर-तीनों ही किसानों के लिए सोने की खान साबित हो सकते हैं. लेकिन यह तभी संभव है, जब बकरियों का खानपान संतुलित और पौष्टिक हो. आइए जानते हैं, बकरियों को क्या खिलाएं, कैसे खिलाएं और किन बातों का ध्यान रखें ताकि उनकी सेहत के साथ उत्पादन भी बढ़े.
प्रोटीन- बकरी के विकास की सबसे बड़ी जरूरत
बकरियों के शरीर की वृद्धि, मांसपेशियों के विकास और दूध उत्पादन के लिए प्रोटीन सबसे जरूरी तत्व है. हरे चारे, दालों, सोयाबीन और अल्फाल्फा जैसे पौष्टिक आहार से बकरियों को पर्याप्त प्रोटीन मिलता है. अगर आप चाहते हैं कि आपकी बकरी स्वस्थ रहे और ज्यादा दूध दे, तो हरे और सूखे चारे का संतुलन बनाए रखें. प्रोटीन की कमी होने पर बकरियों का वजन घटने लगता है, बाल झड़ते हैं और दूध उत्पादन कम हो जाता है. इसलिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे बकरियों को रोजाना हरा चारा, सूखी घास और दालों का मिश्रण जरूर दें.
विटामिन और मिनरल्स- छोटी-छोटी चीजें, बड़ा असर
बकरियों के शरीर को मजबूत और रोगमुक्त रखने के लिए विटामिन और मिनरल्स बेहद अहम भूमिका निभाते हैं. कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और आयरन जैसे तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. वहीं विटामिन A, D और E उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. अगर बकरी के आहार में ये तत्व न हों, तो वह जल्दी बीमार पड़ सकती है या दूध कम दे सकती है. इसलिए जरूरी है कि उनके चारे में मिक्स मिनरल ब्रिक या विटामिन सप्लीमेंट्स शामिल किए जाएं. यह न सिर्फ सेहत सुधारता है, बल्कि बकरियों की फर्टिलिटी और दूध उत्पादन दोनों को बढ़ाता है.
पानी और नमक- छोटी सी बात, बड़ी जरूरत
बकरियों के शरीर में पानी की कमी, उनकी सेहत पर बड़ा असर डालती है. गर्मियों में बकरियों को ज्यादा पानी चाहिए होता है ताकि वे ठंडक महसूस करें और शरीर की गर्मी से बच सकें. साफ और ठंडा पानी हमेशा उपलब्ध रहना चाहिए. इसके अलावा, नमक भी बकरियों के लिए जरूरी है. नमक से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बना रहता है और पाचन भी बेहतर होता है. अगर आप अपनी बकरियों को नियमित रूप से पानी और नमक देते हैं, तो वे न सिर्फ ज्यादा सक्रिय रहेंगी, बल्कि ऊर्जा और दूध उत्पादन में भी सुधार देखने को मिलेगा.
फाइबर- पाचन तंत्र का रखवाला
फाइबर बकरियों के लिए उतना ही जरूरी है, जितना इंसानों के लिए भोजन में रोटी. यह उनके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है. हरे चारे, घास, सूखे पत्ते और सिलेज में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है. जब बकरी को पर्याप्त फाइबर मिलता है, तो उसका शरीर पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करता है. किसानों को यह ध्यान रखना चाहिए कि बकरियों को अच्छी गुणवत्ता वाला सूखा घास और हरा चारा दोनों मिले. यह उनका पेट भरा रखेगा और पाचन क्रिया को सुचारु बनाए रखेगा, जिससे वे ज्यादा स्वस्थ और सक्रिय रहेंगी.
संतुलित आहार- सफलता की असली कुंजी
बकरी पालन में सबसे अहम बात है- संतुलित आहार देना. यानी बकरी को केवल हरा चारा या सूखा दाना नहीं, बल्कि दोनों का संतुलित मिश्रण चाहिए. हर उम्र और अवस्था (जैसे गर्भवती बकरी या दूध देने वाली बकरी) के लिए पोषण की जरूरत अलग होती है. उदाहरण के लिए, दूध देने वाली बकरी को ज्यादा प्रोटीन और मिनरल्स, जबकि बढ़ती उम्र की बकरी को ज्यादा फाइबर और ऊर्जा चाहिए. इसलिए किसान भाइयों को चाहिए कि वे पशु चिकित्सक या पशुपालन विशेषज्ञ से सलाह लेकर फीडिंग चार्ट तैयार करें. यह छोटा सा कदम उनकी बकरियों को स्वस्थ रखेगा और उत्पादन में 30-40 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है.
 
 
                                                             
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    