देश के ग्रामीण इलाकों में आज भी किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन को अपनी आय का मजबूत आधार मानते हैं. खासकर उत्तर भारत के इलाकों में भैंस पालन सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. अगर सही नस्ल की भैंस पाली जाए तो किसान लाखों रुपये तक की सालाना कमाई कर सकते हैं. कई नस्लें ऐसी हैं जो किसानों को रोजाना कई सौ रुपये की कमाई कराती हैं, जिसकी वजह से इन भैंस नस्लों को किसानों के लिए ATM मशीन भी कहा जाता है.
दूध उत्पादन की महारानी मुर्रा भैंस
मुर्रा नस्ल (Murrah Buffalo) को भारत की सबसे प्रसिद्ध और कमाई वाली भैंसों में गिना जाता है. इसकी पहचान इसके चमकदार काले रंग, घुमावदार सींग और मजबूत शरीर से होती है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि मुर्रा भैंस रोजाना 20 से 25 लीटर तक दूध देने में सक्षम होती है. इसके दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है, जिससे घी और पनीर जैसी चीजें बेहतरीन गुणवत्ता की बनती हैं. मुर्रा भैंस को पालना आसान माना जाता है क्योंकि यह गर्मी और ठंड दोनों में टिकाऊ होती है. यही वजह है कि कई डेयरी फार्म इसकी नस्ल बढ़ाने पर जोर देते हैं. एक अच्छी क्वालिटी की मुर्रा भैंस की कीमत लाखों रुपये तक पहुंच सकती है, लेकिन इसका दूध और संतति से होने वाली आय इस निवेश की भरपाई आसानी से कर देती है.
रोज 22 लीटर दूध देती है जाफराबादी नस्ल
जाफराबादी नस्ल (Jafarabadi Buffalo) की भैंस अपने बड़े आकार और ऊंचाई के लिए जानी जाती है. इसका शरीर चौड़ा, मजबूत और मांसल होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भैंस रोजाना 20 से 22 लीटर दूध देती है. इसके दूध की बाजार में कीमत 60 से 70 रुपये प्रति लीटर तक होती है. इस भैंस की एक खासियत यह है कि यह गर्म इलाकों में भी अच्छी तरह से दूध उत्पादन करती है. लंबी उम्र, मजबूत शरीर और बेहतर अनुवांशिक गुण इसे किसानों की पहली पसंद बनाते हैं. इसकी पहचान इसके बड़े सींग और ऊंचे कद से की जाती है.
भदावरी भैंस के दूध में होता है सबसे ज्यादा फैट
अगर बात की जाए सबसे ज्यादा फैट वाले दूध की, तो भदावरी नस्ल (Bhadawari Buffalo) का नाम सबसे ऊपर आता है. इसका रंग तांबे जैसी लालिमा लिए बदामी होता है. भदावरी भैंस की खासियत यह है कि इसका दूध न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें घी निकालने की क्षमता भी अधिक होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह भैंस एक दिन में करीब 25 लीटर दूध दे सकती है. इसके दूध में 10 से 12 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है, जो अन्य नस्लों की तुलना में अधिक है. यही कारण है कि इस नस्ल की भैंस डेयरी व्यवसाय के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है.
डेयरी किसानों के लिए मजबूत शुरुआत कराती है मेहसाणा भैंस
मेहसाणा नस्ल (Mehsana Buffalo) की भैंस डेयरी फार्मिंग की शुरुआत करने वालों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. यह भैंस रोजाना 15 से 18 लीटर दूध देती है. इसका रंग काला, भूरा या सलेटी होता है और इसका शरीर लंबा व मजबूत होता है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह नस्ल न सिर्फ दूध उत्पादन में अच्छी है बल्कि बीमारियों के प्रति भी अधिक प्रतिरोधक होती है. यही वजह है कि नए किसान इस नस्ल से डेयरी व्यवसाय की शुरुआत करना पसंद करते हैं. मुर्रा की तुलना में यह थोड़ी बड़ी होती है, लेकिन दूध की गुणवत्ता और वसा की मात्रा इसे अलग पहचान देती है.
कम खर्च में पल जाती है सुरती भैंस
सुरती नस्ल (Surti Buffalo) की भैंस का शरीर मध्यम आकार का होता है, लेकिन यह कम जगह में भी अच्छी तरह पल जाती है. इसका रंग भूरा या सिल्वर ग्रे होता है और त्वचा हल्की काली या भूरे रंग की होती है. इसके सींग हंसिया के आकार के और सिर लंबा होता है. इस नस्ल की खासियत यह है कि यह एक ब्यांत में 1700 से 1800 लीटर तक दूध दे सकती है. इसके दूध में 8 से 12 प्रतिशत तक वसा होती है, जो इसे बाजार में प्रीमियम बना देती है. ग्रामीण इलाकों में यह नस्ल छोटे किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है क्योंकि इसका पालन आसान और खर्च कम होता है.