Artificial Insemination : पशुपालकों के लिए एक खुशखबरी है. अब गाय और भैंस केवल बछिया को जन्म देंगी. यह चमत्कार सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक की मदद से संभव हुआ है. इस तकनीक से मादा पशुओं की संख्या बढ़ेगी और दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा. किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और पशुपालन को नया स्वरूप मिलेगा.
सेक्स सॉर्टेड सीमन क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेक्स सॉर्टेड सीमन एक नई कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) तकनीक है. इसमें विशेष प्रक्रिया द्वारा सांड के स्पंर्म (Sperm) को इस तरह तैयार किया जाता है कि गर्भ में केवल बछिया का जन्म हो. पहले यह तय करना मुश्किल होता था कि बच्चा बछड़ा होगा या बछिया, लेकिन इस नई तकनीक से 90 प्रतिशत संभावना बछिया होने की होती है. इस तकनीक से न केवल गायों और भैंसों की संख्या में सुधार होगा, बल्कि दूध के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. इसका उद्देश्य मादा पशुओं की संख्या बढ़ाकर दुग्ध उत्पादन को अधिकतम करना है.
इस तकनीक का शुल्क कितना है?
सेक्स सॉर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान कराना अब आसान और सस्ता भी है. राज्य सरकार ने शुल्क इस प्रकार तय किया है:
- सामान्य और पिछड़ा वर्ग के पशुपालकों के लिए- 450 रुपए
- अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के पशुपालकों के लिए- 400 रुपए
इस तरह, सभी वर्ग के पशुपालक इस तकनीक का लाभ उठा सकते हैं और अपनी गायों या भैंसों को घर पर ही कृत्रिम गर्भाधान के जरिए नई पीढ़ी दे सकते हैं.
पुरानी विधि से यह ज्यादा प्रभावी कैसे है?
पहले गायों और भैंसों में नस्ल सुधार के लिए सांडों का स्पंर्म इस्तेमाल किया जाता था. इस विधि में यह पता करना मुश्किल था कि बच्चा बछड़ा होगा या बछिया. इसके अलावा पहले वाली विधि में अधिकतम 8-10 बच्चे ही पैदा हो पाते थे. लेकिन सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से बच्चों की संख्या अधिक और निश्चित रूप से बछिया पैदा होती है. इससे मादा पशुओं की संख्या बढ़ती है, दूध उत्पादन बढ़ता है और किसान की आय में भी सुधार होता है.
घर और कृत्रिम गर्भाधान केंद्र में सुविधा
पशु चिकित्सक और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी किसानों के घर जाकर या कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों (AI Centers) में इस तकनीक से एआई कर रहे हैं. अब तक लगभग 200 गायों और भैंसों में सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है. सारी जानकारी Inarf Software में दर्ज की जाती है, जिससे पशुपालक आसानी से ट्रैक कर सकते हैं कि उनके पशु का एआई कब और कैसे हुआ.
इस तकनीक से किसानों को क्या लाभ होगा?
- मादा पशुओं की संख्या बढ़ेगी और दूध उत्पादन में सुधार होगा.
- किसान की आमदनी में इजाफा होगा.
- पशुपालन अधिक व्यवस्थित और वैज्ञानिक होगा.
- युवा किसान भी इसे अपनाकर पशुपालन को व्यवसाय बना सकते हैं.
इच्छुक किसान अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाकर पूरी जानकारी ले सकते हैं और अपने गाय या भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान (AI) करवा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक पशुपालन में क्रांति ला सकती है और किसानों के लिए स्थायी आय का साधन बन सकती है.