नौकरी छोड़ 12 महीने में खेती से कमाए 18 लाख, साइंटिस्ट ने बनाया ढाई गुना मुनाफा.. खुद तैयार की खाद

आंध्र प्रदेश के किशोर येलेटी ने 'किसान इंडिया' को बताया कि वह पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं और वह 10 साल तक लाखों के पैकेज की नौकरी की. लेकिन, उन्होंने नौकरी छोड़कर अब पूरी तरह खेती कर रहे हैं. आधुनिक तरीके से खेती ने उन्हें सालभर में 18 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कराई है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 3 Nov, 2025 | 03:52 PM

आंध्र प्रदेश के साइंटिस्ट ने 10 साल तक जमी जमाई नौकरी करने के बाद उसे छोड़ दिया और खेती करने उतर पड़े. उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती शुरू की और कुछ जमीन बाद में खरीदी भी. उन्होंने खुद गोबर से जैविक खाद बनाई और बायोगैस प्लांट भी लगाकर वह कई उपकरणों को इससे चला रहे हैं. आज ‘किसान इंडिया’ की ‘चैंपियन किसान’ सीरीज का हिस्सा बने हैं आंध्र प्रदेश के किशोर येलेटी. वह प्रमुख रूप से ताड़ की खेती (ऑयल पॉम) करते हैं. एक साल में वह ऑयल पाम की खेती से 18 लाख रुपये की कमाई करते हैं. जबकि, मछली पालन, शहद उत्पादन, सहफसली खेती के जरिए वह और भी अधिक कमाई कर रहे हैं. उन्होंने अपनी कमाई, आधुनिक खेती मेथड, बारिश के पानी को इकट्ठा करने और सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के साथ खेती के नए तरीकों पर खुलकर बात की.

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के रहने वाले किशोर येलेटी ने ‘किसान इंडिया’ से बातचीत में बताया कि वह पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं और वह 10 साल तक पेशवर के रूप में लाखों के पैकेज की नौकरी की. उनके पिता मूलरूप से किसान परिवार से थे और उनके पिता ने आंध्र लोयोला कॉलेज से राजनीति (B.A. Politics) की पढ़ाई की थी, लेकिन उन्होंने भी जीवन के लिए खेती को ही चुना. उनकी राह पर किशोर येलेटी भी चल पड़े हैं और कई सालों से खेती कर रहे हैं.

10 साल तक माइक्रोबायोलॉजिस्ट की नौकरी की

उन्होंने बताया कि पिता को धान, गन्ना, आम और काजू की खेती में मुनाफा बहुत कम होने के कारण उन्हें अपनी जमीन का बड़ा हिस्सा बेच देना पड़ा, फिर भी उन्होंने संतोषपूर्वक जीवन जिया और अपने बच्चों को खेती का मूल्य समझाया. बचपन में खेत पर काम करते हुए किशोर ने बहुत कुछ सीखा. पिता की प्रेरणा से उन्होंने M.Sc. माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई की और एक प्रतिष्ठित कंपनी में 10 साल तक नौकरी की. लेकिन, शहर की जिंदगी उन्हें संतोष नहीं दे पाई. उन्होंने नौकरी छोड़कर खेती को अपनाया और ऑयल पाम की खेती शुरू की.

गोबर और खेती के कचरे से बनाते हैं खाद

किशोर येलेटी ने बताया कि वह खेत के लिए जरूरी खाद खुद तैयार करते हैं. वह कृषि अपशिष्ट, गोबर, घर के पत्तों का कचरा और गोदरेज मिल से मिलने वाले फाइबर और स्लज का इस्तेमाल करते हैं. वर्मी कंपोस्ट और वर्मी वॉश तैयार करते हैं, जिसमें जीवामृत और सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया व फंगस कल्चर) मिलाकर ड्रिप द्वारा फसलों तक पहुंचाया जाता है. वह वर्षा जल संरक्षण के लिए खेत में पिट्स, तालाब और हर्डल्स बनाकर बारिश के पानी इकट्ठा करते हैं. इससे पानी की खपत को पूरा करना आसान हो जाता है.

सौर ऊर्जा से चला रहे बिजली के उपकरण

सौर ऊर्जा के जरिए बिजली बनाते हैं और उपकरणों को चलाते हैं. उन्होंने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना से घर के लिए बिजली का उत्पादन शुरू किया है और भविष्य में पूरी कृषि बिजली खपत को भी सौर ऊर्जा से पूरा करना चाहते हैं.

kisan india champion kisan Kishore Yeleti

किशोर येलेटी.

ऑयल पाम की खेती से सालभर में कमाए 18 लाख रुपये

उन्होंने बताया कि वह कई साल से आधुनिक तरीके से खेती कर रहे हैं. वह बहुफसली मॉडल को फॉलो करते हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ 12 एकड़ तेल पाम खेती से भी एक किसान सॉफ्टवेयर नौकरी करने वाले के जितना अच्छा जीवन जी सकता है. उन्होंने अपनी खेती लागत और कमाई के बारे में बताते हुए कहा कि साल 2024-25 में उन्होंने केवल ऑयल पाम की खेती से ढाई गुना मुनाफा हासिल किया है. जबकि, अन्य खेती से सोर्स भी तैयार किए हैं जिनसे और कमाई होती है. उन्होंने बताया कि –

  • तेल पाम खेती का खर्च 8.31 लाख रुपये आई है.
  • तेल पाम से आमदनी 18.94 लाख रुपये हुई.
  • उनका शुद्ध लाभ 10.62 लाख रुपये रहा है.

फसलों की खेती और पशुपालन समेत अन्य तरीकों से कमाई

किशोर येलेटी ने बताया कि खेती में शुरुआत कठिन रही, लेकिन धीरे-धीरे गोदरेज एग्रोवेट और आंध्र प्रदेश सरकार की मदद से उन्होंने तेल पाम की खेती को टिकाऊ बना लिया. किशोर ने अपनी 12 एकड़ भूमि पर विविध फसलें और गतिविधियां जोड़कर आय के कई स्रोत तैयार किए हैं. उन्होंने बताया कि वह –
कोकोआ की खेती: इंटरक्रॉप के रूप में, जिससे अच्छी आमदनी होती है. पिछले वर्ष लगभग 5.24 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ.
नारियल की खेती: बॉर्डर क्रॉप के रूप में, जिससे लगभग 72,000 रुपये का लाभ हुआ.
सहफसली खेती:  हल्दी, अदरक, अनानास की खेती भी पाम पेड़ों के बीच में करते हैं.
नर्सरी से कमाई : कोकोआ और अन्य पौधों की नर्सरी तैयार कर वह 63,000 रुपये का लाभ कमा रहे हैं.
मछली पालन और अजोला (Azolla) की खेती तालाब में कर रहे हैं.
मधुमक्खी पालन: शहद उत्पादन से वह हर साल अतिरिक्त आमदनी पा रहे हैं.
फलों व सब्जियों की बागवानी: खेत की खाली जगहों पर पौधे लगाकर परिवार की जरूरत पूरी की जाती है.

Kishore Yeleti Andhra Pradesh

अपने बाग में किशोर येलेटी.

खेती के लिए कितने मजदूर लगे

किशोर येलेटी ने बताया कि वह अपनी खेती गतिविधियों के लिए मजदूरों की मदद लेते हैं. लेकिन स्थायी मजदूर नहीं रखते पर आवश्यकता के अनुसार स्थानीय मजदूरों को काम पर बुलाते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल ही लगभग 1000 महिलाओं और 200 पुरुषों को काम के अवसर उन्होंने दिए. उन्होंने कहा कि तेल पाम के साथ जुड़ी अन्य गतिविधियों के कारण केवल तेल पाम खेती से कहीं अधिक रोजगार के अवसर पैदा होते हैं.

खेती से कमाई बढ़ाने के लिए किसानों को दी ये सलाह

किशोर येलेटी ने कहा कि किसानों को केवल एक फसल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि इंटरक्रॉपिंग और एकीकृत खेती को अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि
एग्री सेक्टर की दिग्गज कंपनी गोदरेज एग्रोवेट की मदद से उन्होंने IIOPR, KVKs, मुंबई, दिल्ली, असम, अरुणाचल, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसी जगहों पर जाकर खेती के तरीके देखे. किसानों को भी कम से कम अपने इलाके के कृषि विज्ञान केंद्रों में जाना चाहिए और खेती के नए और आधुनिक तरीकों को सीखना चाहिए. इससे उन्हें सटीक खेती और पशुपालन की जानकारी मिलेगी और उनका नुकसान घट जाएगा, जबकि कमाई और मुनाफा बढ़ जाएगा.

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Published: 3 Nov, 2025 | 03:52 PM

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