पंजाब की मंडियों में नहीं आ रहे किसान, अभी तक केवल 10,392 टन हुई धान की आवक.. कई मार्केट में पसरा सन्नाटा

पंजाब में धान की सरकारी खरीद शुरू हुए एक हफ्ता हो चुका है, लेकिन मंडियों में अब तक बहुत कम फसल पहुंची है. लगातार बारिश और खेतों में नमी के कारण कटाई में देरी हो रही है. सरकार ने अब तक 6.04 करोड़ रुपये का भुगतान जारी किया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 23 Sep, 2025 | 01:04 PM

Punjab News: पंजाब में करीब एक हफ्ते से धान की खरीदी चल रही है, लेकन मंडियों में उपज की आवक बहुत ही कम है. 22 सितंबर तक केवल 10,392 मीट्रिक टन धान की आमद दर्ज की गई है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे धान की कटाई में तेजी आएगी, मंडियों में उपज की आवक भी बढ़ेगी. क्योंकि अब भी ज्यादातर फसल खेतों में खड़ी है. मिट्टी में नमी के कारण किसान धान कटाई में देरी कर रहे हैं. हालांकि, कहा जा रहा है कि मंडियों में बड़े पैमाने पर धान की आमद शुरू होने में कम से कम एक हफ्ता और लग सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब मंडी  बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 22 सितंबर को केवल 3,094.98 मीट्रिक टन धान मंडियों में आया, जिसमें से 2,405.5 मीट्रिक टन की खरीद हुई. इसमें 97.2 फीसदी खरीद सरकारी एजेंसियों ने की और बाकी निजी व्यापारियों द्वारा की गई. अब तक कुल 7,538.43 मीट्रिक टन की खरीद हुई है. कपूरथला में 3,908.5 मीट्रिक टन और एसएएस नगर  में 2,201.5 मीट्रिक टन में अब तक सबसे ज्यादा धान की आमद  दर्ज की गई है. वहीं, पंजाब के कुल 23 में से 14 जिलों में जैसे बठिंडा, मानसा और फिरोजपुर जैसे प्रमुख धान उत्पादक क्षेत्रों में धान की आमद अब तक शुरू ही नहीं हुई है.

इन जिलों में कम हुई बारिश

कपूरथला और एसएएस नगर राज्य के ऐसे दो जिले हैं जहां इस साल सामान्य से कम बारिश  हुई है. कपूरथला में 23 फीसदी और एसएएस नगर में 17 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई. मध्यम और लंबे समय में पकने वाली धान की किस्में अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते से पहले मंडियों में नहीं आएंगी. वहीं, जो जल्दी पकने वाली किस्में आमतौर पर इस समय तक तैयार हो जाती हैं,  लेकिन इस बार वे भी लगातार बारिश के कारण एक हफ्ते से 10 दिन तक लेट हो गई हैं.

6.04 करोड़ रुपये जारी

पंजाब आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि 16 सितंबर से खरीद शुरू होने के बावजूद अब तक बहुत कम फसल मंडियों में पहुंची है. इसका कारण राज्य में हाल की बारिश और बाढ़ की स्थिति है. मध्यम और लंबे समय वाली किस्मों को आने में अभी समय लगेगा. आने वाले दिनों में खरीद तेजी पकड़ेगी. जालंधर अनाज मंडी के कमीशन एजेंट जगजीत सिंह अरोड़ा ने कहा कि फिलहाल मंडियों में धान की आमद नाममात्र की ही है. इस बीच सरकार ने किसानों को भुगतान  के तौर पर 6.04 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जबकि बकाया सिर्फ 3.33 करोड़ रुपये था.

16 सितंबर से खरीदी शुरू की गई

पंजाब में आमतौर पर धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती थी, लेकिन इस बार 16 सितंबर से खरीदी शुरू की गई. इससे पहले कोविड के समय भी इसे कुछ दिन पहले किया गया था, ताकि मंडियों में भीड़ न हो. इस साल सरकार ने किसानों को 1 जून से धान की बुआई  की इजाजत दी थी (जो पहले 10 जून से होती थी), ताकि अक्टूबर की शुरुआत से नवंबर तक की कटाई के समय धान में नमी कम रहे. इसी वजह से खरीद की तारीख भी पहले कर दी गई.

 

 

Published: 23 Sep, 2025 | 12:58 PM

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