जांच एजेंसियां अमोनियम नाइट्रेट (NH₄NO₃) और एनपीके खाद की मूवमेंट पर नजर रख रही हैं, क्योंकि शक है कि दिल्ली धमाके में इन्हें विस्फोटक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया गया था. इसके बावजूद, हरियाणा में खाद की सप्लाई पर उचित नियंत्रण नहीं है. नूंह, पलवल और सोहना के पांच थोक विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया है. इन पर आरोप है कि उन्होंने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े एक मॉड्यूल को पैसा कमाने के लिए अमोनियम आधारित खाद बेची और रिकॉर्ड भी ठीक से नहीं रखा. जिला कृषि विभाग के मुताबिक, केंद्र सरकार की सब्सिडी वाली खाद को ही iFMS सिस्टम के जरिए ट्रैक किया जाता है. इसमें DAP, MOP, NPK, अमोनियम सल्फेट और SSP जैसी खाद शामिल हैं. लेकिन अमोनियम नाइट्रेट और कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट (CAN) जैसे नाइट्रोजन आधारित खाद इस सिस्टम में ट्रैक नहीं होते. अधिकारियों ने कहा कि व्यापारियों को बैच नंबर और GST विवरण रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन कई लोग सही रिकॉर्ड नहीं रखते.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नूंह जिले के 28 में से 21 थोक व्यापारी अमोनियम नाइट्रेट, CAN और NPK बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त हैं और ये 476 खुदरा दुकानों को सप्लाई करते हैं. रबी सीजन से पहले विभाग ने NPK और अमोनियम नाइट्रेट की कुल 1000 मीट्रिक टन जरूरत का अनुमान लगाया था. जबकि DAP और यूरिया की मांग 18,000 से 18,000 मीट्रिक टन है, इसलिए NPK और अमोनियम नाइट्रेट की मांग काफी कम मानी जाती है.
खादों का इस्तेमाल विस्फोटक के रूप में किया गया
आर्या ने कहा कि विभाग को अब तक कभी ऐसा मामला नहीं मिला जिसमें इन खादों का इस्तेमाल विस्फोटक के रूप में किया गया हो. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही मॉनिटरिंग सिस्टम को बढ़ाकर पानी में घुलने वाली और हाई-नाइट्रोजन वाली खाद को भी शामिल किया जा सकता है. अधिकारियों के अनुसार, गुरुग्राम में पिछले साल 17 में से सिर्फ 5 थोक व्यापारी ही अमोनियम नाइट्रेट को संभालने के लिए लाइसेंसशुदा थे. वहीं पलवल एक प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट है, जहां ट्रेन से खाद की खेप पहुंचती है. गुरुग्राम के उपनिदेशक अनिल तंवर के मुताबिक, अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग Fertilizer Control Order Act 1985 के तहत तो अनुमति प्राप्त है, लेकिन इसे सिर्फ लाइसेंस धारकों को ही बेचा जा सकता है.
हरियाणा के नूंह जिले में सख्त कार्रवाई शुरू
फरीदाबाद स्थित केंद्रीय उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमोनियम नाइट्रेट को विस्फोटक खतरे के कारण नियंत्रित परिस्थितियों में ही रखा जाना चाहिए. 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए धमाके की जांच के बाद हरियाणा के नूंह जिले में सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है. नूंह के डिप्टी कमिश्नर अखिल पिलानी ने कहा कि iFMS सिस्टम के बाहर आने वाली सप्लाई की निगरानी और कड़ी की जाएगी, जबकि पुलिस अधीक्षक ने सभी लाइसेंस धारकों के रिकॉर्ड मांगे हैं. अधिकारियों का मानना है कि रिकॉर्ड रखने में हुई ढिलाई के कारण ही आरोपी तक खाद की सप्लाई बिना रोक-टोक पहुंच पाई. जांच के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई हैं.