Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने रोगमुक्त और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने किसानों को बीजामृत तैयार करने की आसान सी विधि बताई है. बता दें कि, ये जानकारी किसानों को उत्तराखंड कृषि विभाग ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है. रोगमु्क्त और बेहतर क्वालिटी का उत्पादन लेने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान उन्नत किस्मों के बीजों का चयन करने के साथ ही बीजों को पोषण देने वाली जैविक खाद का भी इस्तेमाल करें. इस जैविक खाद को बीजामृत कहते हैं. ऐसे में आइये जानते हैं कि कैसे आप आसानी से घर पर बीजामृत को तैयार कर सकते हैं.
बीजामृत बनाने के लिए जरूरी सामग्री
घर पर बीजामृत तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले सारा जरूरी सामान इकट्ठा करना पडे़गा. इसके लिए आपको देशी गाय का 5 किलोग्राम गोबर और 5 लीटर गौमूत्र लेना होगा. इसके बाद 50 ग्राम चूना या फिर भुना हुआ चना ले लें. इन सबके बाद आपको 100 लीटर पानी की जरूरत होगी और अपने खेती की या फिर बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की थोड़ी सी मिट्टी लेनी होगी.
इस विधि से तैयार करें खाद
उत्तराखंड कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, बीजामृत बनाने के लिए आपको सबसे पहले एक साफ ड्रम या मटका लेना है जिसमें 100 लीटर पानी हो. साथ ही इस पानी में 5 किलोग्राम गोबर और 5 लीटर गोमूत्र डालकर अच्छे से मिलाएं. इसके बाद इसमें 50 ग्राम चूना या भुना हुआ चना डालकर किसी लकड़ी से अच्छी तरह मिलाएं. अंत में एक मुट्ठी मिट्टी डालकर इस घोल को चलाएं. सबकुछ अच्छे से मिल जाने के बाद घोल को 24 घंटे के लिए किसी छायादार जगह पर रख दें. 24 घंटे बाद आपका बीजामृत घोल तैयार हो जाएगा.

बड़े ड्रम में तैयार करें बीजामृत (Photo Credit- Canva)
इस तरह करें इस्तेमाल
बीजामृत का इस्तेमाल बीज बुवाई से पहले करना चाहिए ताकि बीजों की अंकुरण दर बढ़ सके. बता दें कि, बुवाई से पहले बीजों को 30 मिनट तक इस जैविक घोल में भिगोकर रखें. 30 मिनट बाद बीजों को इस घोल से निकालकर अच्छे से सुखा लें और सूखने के बाद ही बुवाई करें. बीजामृत के इस्तेमाल से बीजों में अंकुरण दर तेज होने के साथ ही पौधों की ग्रोथ बढ़ती है और पौधे स्वस्थ रहते हैं. बीजामृत की खासियत ये भी है कि ये बीजों को फफूंदी, बैक्टीरिया और कई तरह के रोगों से बचाता है. इसके इस्तेमाल से न केवल बीजों का उपचार होता है बल्कि पर्यावरण भी शुद्ध रहता है.

बुवाई से पहले बीजों को अच्छे से सुखाएं (Photo Credit- Canva)