मार्केट में आई नई कंबाइन मशीन, अब किसान कीचड़ और पानी भरे खेत में भी कर सकते हैं धान की कटाई

पंजाब के अमृतसर में बाढ़ के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे पारंपरिक मशीनें काम नहीं कर पा रही थीं. उत्तर प्रदेश से आई ट्रैक चेन वाली नई कॉम्बाइन मशीनों ने किसानों को राहत दी है. ये मशीनें कीचड़ में भी आसानी से चलती हैं और समय पर धान की कटाई में मदद कर रही हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 24 Sep, 2025 | 11:30 PM

Punjab News: इस साल पंजाब में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. लंबे समय तक जलभराव के कारण खेतों में अभी भी नमी बनी हुई है. ऐसे में अमृतसर के किसान धान की कटाई करने में दिक्कतों को लेकर परेशान थे. लेकिन अब उत्तर प्रदेश की नई कंबाइन मशीनें उनके लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई हैं. इन मशीनों में आम टायर की जगह ट्रैक चेन लगी हैं, जो पानी भरे और कीचड़ वाले खेतों में आसानी से चल रही हैं.

दरअसल, जिले में हाल ही में आई बाढ़ के कारण कई खेतों में पानी भरा हुआ था. ऐसे में मिट्टी बहुत नरम हो गई थी, जिससे पुरानी टायर वाली मशीनें खेतों में काम नहीं कर पा रही थीं. किसान चिंता में थे, क्योंकि धान पक चुका था लेकिन कटाई नहीं हो पा रही थी. अजनाला के किसान गुरमीत सिंह ने कहा कि अगर ये नई मशीनें नहीं आतीं, तो हमें बहुत परेशानी होती. उन्होंने कहा कि इन मशीनों से पानी भरे खेतों में धान काटने  का खर्च करीब 3,500 रुपये प्रति घंटा है.

कॉम्बाइन मशीन की खासियत

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पारंपरिक हार्वेस्टर से अलग इस नई मशीन में टैंक जैसी ट्रैक चेन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. इस डिजाइन से मशीन का वजन बराबर फैलता है और गीली मिट्टी में धंसने से बचती है. यह तकनीक खासतौर पर उन इलाकों के लिए बनाई गई है जहां धान की कटाई पानी भरे खेतों की वजह से अक्सर देर से होती है. किसान कहते हैं कि ये ट्रैक वाली कंबाइन मशीनें  फसल समय पर काटने में मदद कर रही हैं और अनाज को नुकसान से भी बचा रही हैं. एक किसान गुरनाम सिंह ने कहा कि यह मशीन कीचड़ में भी आसानी से चलती है, जहां ट्रैक्टर फंस जाते हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी कहा कि ऐसी मशीनें जिले में पहली बार आई हैं और बाढ़ प्रभावित गांवों में लगातार काम कर रही हैं.

शाम में धान की कटाई पर लगी रोक

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि पंजाब के अमृतसर जिले में अब रात के समय कंबाइन मशीन से धान की कटाई पूरी तरह बंद कर दी गई है. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रोहित गुप्ता के आदेश के अनुसार, शाम 6 बजे से सुबह 9 बजे तक कटाई करना सख्त मना है. यह कदम अधपकी फसल काटने  और ज्यादा नमी वाले धान को मंडियों में आने से रोकने के लिए लिया गया है. अधिकारी बताते हैं कि कुछ लोग फसल पूरी पकने से पहले ही कटाई शुरू कर देते हैं और गीला धान मंडियों में ले आते हैं. खरीददार ऐसे धान नहीं लेते, जिससे मंडियों में झगड़े और तनाव की स्थिति बन जाती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 24 Sep, 2025 | 11:30 PM

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.