कहते हैं किसान से बड़ा वैज्ञानिक कोई नहीं होता. किसान अपनी मिट्टी को बखूबी जानते हैं और ऐसे में कुछ प्रगतिशील किसान अपने खेतों में प्रयोग करते रहते हैं और उन्नत किस्म की पैदावार लेकर अच्छी आमदनी करते हैं. इसी का एक जीता जागता उदाहरण हैं उत्तर प्रदेश के रहने वाले किसान शाभाराम. किसान शोभाराम ने अपने खेत में ऐसी ही कुछ प्रयोग किया है, जिसके बाद से उनका ये प्रयोग खासा चर्चा में है. शोभाराम खेती में नए-नए प्रयोग करने के कारण न केवल अपने जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बना चुके हैं.
धान की खेती के साथ प्रयोग
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के मकसूद गंज के रहने वाला प्रगतिशील किसान शोभाराम इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं. कारण है अपने धान के खेत में उनका अनोखा प्रयोग. दरअसल, किसान शोभाराम ने खरीफ सीजन में अपने खेत में धान की रोपाई की थी. इसके बाद शोभाराम के मन में एक नवाचार आया, जिसके तहत उन्होंने धान के पौधों के बीच 5 फीट मेड बनाकर उसमें गेंदे की फूल की खेती की शुरुआत की है.
उनका कहना है कि बाजार में गेंदे के फूल की बहुत डिमांड है. उन्होंने आगे बताया कि जब तक धान की फसल तैयार होगा तबत गेंदे में फूल आना शुरू हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह से खेती करने पर किसान औसतन करीब 50 हजार रुपये तक की एक्सट्र कमाई कर सकते हैं. बता दें कि, शोभाराम ने धानी की किस्म एनडीआर 2065 (Paddy NDR-2065) की रोपाई की है जो कि एक अगेती किस्म है.

धान के खेत में लगी गेंदे की फसल
गेंदे के साथ केले की खेती
‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए किसान शोभाराम ने बताया कि धान के ही खेत में गेंदे की फसल लगाने के साथ ही उन्होंने केले के पौधे भी लगाए हैं. ऐसे में उन्होंने बताया कि जिस समय तक धान की फसल कटाई के लिए तैयार होगी तबतक केला भी ऊपर आना शुरू हो जाएगा. किसान शोभाराम ने बताया कि अपने इस प्रयोग से वे एक ही खेत मे तीन अलग-अलग फसलों की खेती कर रहे हैं, जिसके कारण उनके 1 एकड़ जमीन में खेती करने से कमाई 3 गुना बढ़ गई है. खास बात ये है कि किसान शोभाराम ने अपने खेत में किसी भी तरह की केमिकल खाद का इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने केवल गोबर की खाद का ही इस्तेमाल किया है.
धान की कटाई के बाद आलू का खेती
शोभारान बताते हैं कि 10 अक्टूबर तक हर हाल में धान की फसल की कटाई हो जाएगी और गेदें की फसल भी तैयार हो जाएगी. उन्होंने बताया कि धान की कटाई के बाद जितने हिस्से में धान के रोपाई की गई है उस हिस्से की जुताई कर वहां आलू और मिर्ची की खेती की जाएगी. वहीं एक बाक जब गेंदा और केला भी तैयार हो जाएगा तो कटाई के बाद खेत को साफ कर, उसकी जुताई कर उसमें नाली बना दी जाएगी ताकि जल निकासी अच्छे से हो सके. साथ ही शोभाराम बताते हैं कि इस तरह से उनकी खेती में आने वाली लागत कम हुई है और कमाई 3 गुना ज्यादा.