प्लास्टिक नहीं पौधों से बने ईको-फ्रेंडली पैकेट में मिलेगा दूध, 90 दिनों में कंपोस्ट होकर बन जाएगा ऑर्गेनिक खाद

KMF अधिकारियों के मुताबिक, ये बायोडिग्रेडेबल पैकेट्स दिखने और छूने में पारंपरिक प्लास्टिक जैसे ही लगते हैं, जिससे ग्राहकों को कोई असुविधा नहीं होती, लेकिन ये पर्यावरण के लिए कहीं ज्यादा सुरक्षित और अनुकूल हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 20 Jul, 2025 | 01:28 PM

Karnataka Milk Federation: सस्टेनेबिलिटी की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) अब अपनी लोकप्रिय ब्रांड नंदिनी के लिए ईको-फ्रेंडली दूध पैकेट बेंगलुरु में लॉन्च करने जा रही है. ये बायोडिग्रेडेबल पैकेट्स कॉर्न स्टार्च, गन्ना और अन्य पौधों से बनाए गए हैं. खास बात यह है कि जहां पारंपरिक प्लास्टिक पैकेट्स को सड़ने में 500 साल से ज्यादा लगते हैं, वहीं ये नए पैकेट्स सिर्फ 90 दिनों में खुद ही गल जाते हैं और इन्हें ऑर्गेनिक खाद में बदला जा सकता है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहल बेंगलुरु मिल्क यूनियन लिमिटेड (Bamul) द्वारा चलाए गए एक पायलट प्रोजेक्ट के सफल परिणामों के बाद शुरू की जा रही है. इस ट्रायल की शुरुआत कनकपुरा मेगा डेयरी से हुई थी और अब इसे हुन्नासनहल्ली गांव और आस-पास के इलाकों में लागू किया जा रहा है. KMF के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवास्वामी बी ने कहा कि अब तक लोगों की प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही है. ना तो पैकेट से दूध लीक हो रहा है, ना ही गुणवत्ता पर कोई असर पड़ा है और उपभोक्ता काफी संतुष्ट हैं.

रोजाना 25 लाख प्लास्टिक के पैकेट का इस्तेमाल

KMF अधिकारियों के मुताबिक, ये बायोडिग्रेडेबल पैकेट्स दिखने और छूने में पारंपरिक प्लास्टिक जैसे ही लगते हैं, जिससे ग्राहकों को कोई असुविधा नहीं होती, लेकिन ये पर्यावरण के लिए कहीं ज्यादा सुरक्षित और अनुकूल हैं. KMF के मार्केटिंग डायरेक्टर रघुनंदन एमने कहा कि इस बदलाव का असर काफी बड़ा होगा. उन्होंने कहा कि हम रोजाना करीब 20 से 25 लाख प्लास्टिक दूध पैकेट इस्तेमाल करते हैं. केंद्र सरकार की EPR (Extended Producer Responsibility) नीति के तहत हमें हर साल करीब 15,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक को रीसायकल करने में भारी खर्च करना पड़ता है.

प्लास्टिक कचरे की समस्या से भी निपटा मिलेगा

उन्होंने कहा कि बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग अपनाने से ये खर्च कम होगा और बेंगलुरु में बढ़ती प्लास्टिक कचरे की समस्या से भी निपटा जा सकेगा. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से उत्साहित होकर KMF अब जुलाई से बेंगलुरु के सभी नंदिनी आउटलेट्स पर बायोडिग्रेडेबल पैकेट्स शुरू करने जा रही है. इसके बाद राज्यभर में इसका विस्तार करने की योजना है. अगर यह पहल बड़े स्तर पर अपनाई जाती है, तो यह भारत में डेयरी सेक्टर के लिए एक नई मिसाल बन सकती है और शहरी इलाकों में प्लास्टिक प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकती है.

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Published: 20 Jul, 2025 | 01:19 PM

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