धान बेचने से पहले पढ़ लें ये जरूरी खबर, वरना मंडी में नहीं मिलेगी एंट्री.. बदल गए हैं सारे नियम

हरियाणा सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए e-Kharid ऐप पर QR कोड वाले गेट पास शुरू किए हैं. इससे फर्जी पास और प्रॉक्सी प्रोक्योरमेंट पर रोक लगेगी. करनाल में 13,000 क्विंटल धान की कमी के बाद प्रशासन ने मंडियों और मिलों की सख्त जांच शुरू की है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 2 Nov, 2025 | 11:58 AM

Haryana News: हरियाणा सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ियों पर रोक लगाने और निगरानी को सख्त करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब किसानों को e-Kharid मोबाइल ऐप के जरिए QR कोड वाले गेट पास मिलेंगे. पहले जो वेब-आधारित गेट पास सिस्टम चल रहा था, उसे तुरंत बंद कर दिया गया है. इस नई व्यवस्था के तहत किसान अब कहीं से भी खुद डिजिटल गेट पास बना सकेंगे. लेकिन उस गेट पास का QR कोड और नंबर तभी दिखेगा जब किसान अपने निर्धारित मंडी में पहुंचेगा. मंडी के गेट पर मौजूद गेटकीपर किसान के गेट पास को QR कोड स्कैन करके जांचेगा. यह स्कैनिंग तभी संभव होगी जब दोनों किसान और गेटकीपर मंडी परिसर में मौजूद हों.

सिस्टम में गेटकीपर के मोबाइल की डिवाइस आईडी भी रिकॉर्ड की जाएगी, ताकि पूरी ट्रेसिंग और जिम्मेदारी तय की जा सके. इसके अलावा, सभी गेटकीपर, नीलामी रिकॉर्डर और निरीक्षक अब OTP आधारित लॉगिन सिस्टम से ऐप में प्रवेश करेंगे. OTP उनके रजिस्टर्ड मोबाइल  नंबर पर जाएगा और एक समय में एक ही डिवाइस से लॉगिन किया जा सकेगा. अगर कोई दूसरे फोन से लॉगिन करेगा तो पहले वाला सत्र अपने-आप बंद हो जाएगा. इस तरह सरकार का उद्देश्य है कि धान खरीद प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल रूप से ट्रेस की जा सके.

क्या है नया गेट पास सिस्टम

द ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया सिस्टम अब अलग-अलग IP एड्रेस से कई गेट पास जारी करने की प्रथा को खत्म करेगा और फर्जी गेट पास  बनने की संभावना को पूरी तरह रोक देगा, जो पहले मैन्युअल और वेब-आधारित सिस्टम में संभव था. दरअसल, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि कुछ मंडियों में धान की आमद असामान्य रूप से बढ़ गई थी, जबकि उत्पादन कम था. इससे शक हुआ कि उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों से धान लाकर हरियाणा की मंडियों में बेचा जा रहा है.

फिजिकल जांच और गेट पास की पड़ताल शुरू

करनाल जिले में तो अधिकारियों को 13,000 क्विंटल से ज्यादा धान की कमी मिली है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सभी चावल मिलों की फिजिकल जांच  और गेट पास की पड़ताल शुरू कर दी है. शंका है कि कुछ लोगों ने फर्जी गेट पास का इस्तेमाल कर ‘प्रॉक्सी प्रोक्योरमेंट’ यानी दूसरे राज्यों से लाई गई धान को हरियाणा की मंडियों में दिखाने की कोशिश की है. अब प्रशासन ने करनाल, घरौंडा, तरावड़ी, निसिंग और जुंडला जैसे प्रमुख खरीद केंद्रों पर फोकस किया है, जहां टीमें गेट पास और मिल स्टॉक रिकॉर्ड का मिलान कर रही हैं.

प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी

करनाल के डिप्टी कमिश्नर उत्तम सिंह ने कहा कि हम धान आवंटन के अनुसार मिलों के स्टॉक की जांच कर रहे हैं. सख्त निगरानी रखी जा रही है, और अगर कोई गड़बड़ी या धोखाधड़ी मिली तो कड़ी कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

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Published: 2 Nov, 2025 | 11:50 AM

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