मक्का किसानों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, MSP पर खरीद लिमिट बढ़ाई.. पैक्स पर भी बिक्री करेंगे किसान

केंद्र ने मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की है और एथेनॉल बनाने में मक्का के अतिरिक्त इस्तेमाल के चलते किसानों को अच्छे भाव की उम्मीद थी, जिसके चलते किसानों ने इस मक्का की खूब खेती की, लेकिन जब कटाई के बाद फसल बिक्री का समय आया तो भाव गिरकर धड़ाम हो गया. नाराज किसान कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 7 Dec, 2025 | 04:58 PM

इस सीजन मक्का की बंपर पैदावार के चलते कीमतों में अचानक भारी गिरावट ने किसानों की कमर तोड़ दी है. पहले ज्यादा बारिश और तेज हवाओं से मक्का फसल को नुकसान हुआ और उसके बाद कीटों का प्रकोप किसानों को झेलना पड़ा. इसके बाद अब जब मक्का फसल काटकर किसान मंडियों में बिक्री के लिए ला रहा था तो कीमतें धराशायी हो गई हैं. इससे नाराज कर्नाटक के किसानों ने बीते कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. अब राज्य सरकार ने मक्का खरीद लिमिट बढ़ा दी है और सभी मंडियों को केंद्र की ओर तय एमएसपी का लाभ किसानों को देने का निर्देश दिया है.

केंद्र ने मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की है और एथेनॉल बनाने में मक्का के अतिरिक्त इस्तेमाल के चलते किसानों को अच्छे भाव की उम्मीद थी, जिसके चलते इस सीजन कर्नाटक मक्का की खेती सामान्य से ज्यादा की गई और इसके नतीजे में उत्पादन भी अधिक रहा है. अब बीते कुछ सप्ताह से किसान अपनी उपज बिक्री के लिए मंडियों में जा रहे हैं तो उन्हें एमएसपी से भी बहुत कम भाव मिल रहा है.

700 रुपये प्रति क्विंटल दाम गिरने से किसानों का गुस्सा फूटा

कर्नाटक की ज्यादातर मंडियों में दो सप्ताह के अंदर मक्का की कीमत गिरकर 1700 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई, जो पहले 2400 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रही थी. वहीं केंद्र सरकार मक्का के लिए 2400 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर रखा है. मंडी के आढ़तियों और ट्रेडर्स ने कहा कि आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट आई है. ऐसे में नाराज किसान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

हर किसान से मक्का खरीदने की लिमिट बढ़ाकर 50 क्विंटल की गई

अब कर्नाटक सरकार ने आज रविवार को बड़ा फैसला लेते अपने मक्का खरीदने के ऑर्डर में बदलाव किया है, जिससे सपोर्ट प्राइस स्कीम के तहत हर किसान से खरीदी जा सकने वाली मक्का की मात्रा ज्यादा से ज्यादा बढ़ा दी गई है. सरकारी ऑर्डर के बाद जारी एक सुधार में कहा गया है कि पहले हर किसान से 20 क्विंटल मक्का खरीद की लिमिट थी, जिसे अब बढ़ाकर 50 क्विंटल कर दिया गया है.

12 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होगा कैलकुलेशन

सरकारी बयान में कहा गया है कि FRUITS सॉफ्टवेयर में दर्ज किसानों के पास जितनी जमीन है, उसके आधार पर हर किसान से 50 क्विंटल तक मक्का 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के सपोर्ट प्राइस पर खरीदा जाएगा. इसकी कैलकुलेशन 12 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होगी. इस फैसले से राज्य के मक्का किसानों को बड़ा लाभ पहुंचने का दावा किया गया है.

पैक्स के जरिए मक्का खरीद को प्राथमिकता दी गई

कर्नाटक सरकार ने किसानों के विरोध का जवाब देते हुए अपनी सपोर्ट प्राइस स्कीम के तहत हर किसान से मक्का उपज खरीदने का वादा किया है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि खरीद केंद्र के साथ ही डिस्टिलरी के पास मौजूद डिस्टिलरी के पास प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी (PACS) के जरिए मक्का उपज खरीदने को प्राथमिकता दी जाएगी.

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Published: 7 Dec, 2025 | 04:55 PM

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