Maharashtra News: महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज की कीमतें काफी नीचे गिर गई हैं. थोक मार्केट में प्याज 5 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि खुदरा मार्केट में एक किलो प्याज की कीमत 12 रुपये है. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. ऐसे में नाराज किसानों ने शनिवार को येवला और मालेगांव में सड़क पर उतरकर विरोध जताया. किसानों का कहना है कि सरकार की एजेंसियां जून में खरीदी गई प्याज को अब बाजार में बेच रही हैं. इससे कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सरकारी प्याज की बिक्री के चलते खुदरा कीमतें पहले ही काफी कम हो गई हैं. अब प्याज 12 रुपये प्रति किलो या उससे भी नीचे चल रही हैं. इससे थोक बाजार में दाम गिरकर सिर्फ 5 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. गुस्साए किसानों ने नासिक-छत्रपति संभाजीनगर हाईवे को दो घंटे तक और मालेगांव-सूरत हाईवे को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया. किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी फसल का उचित दाम मिलना चाहिए.
लासलगांव मंडी में प्याज का भाव
प्रहार शेतकरी संघटना के येवला प्रमुख गणेश निंबालकर ने कहा कि किसानों ने गर्मी में मेहनत कर प्याज उगाई और उसे अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में स्टोर किया. हमें उम्मीद थी कि रेट 30 रुपये प्रति किलो तक जाएंगे, लेकिन सरकार की दखल से रेट बढ़ ही नहीं पा रहे. यह किसानों के लिए बहुत निराशाजनक है. शनिवार को एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में सबसे अच्छी क्वालिटी का प्याज 900 रुपये प्रति क्विंटल (यानि 9 प्रति किलो) के भाव पर बिका. वहीं, किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
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किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन
मालेगांव में किसानों के एक और समूह ने प्याज की गिरती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. किसान सागर भामरे, सुनील शेवाले और अन्य ने कहा कि बारिश ने हमारी फसलें बर्बाद कर दीं. अगर प्याज अच्छे रेट पर बिकती, तो बच्चों की पढ़ाई, इलाज, शादी और बाकी जरूरतें पूरी हो पातीं. अब हालात इतने खराब हैं कि किसान कोई भी कठोर कदम उठाने को मजबूर हो सकते हैं.
3 लाख टन प्याज कम रेट पर खरीदी
रायत क्रांतिकारी शेतकरी संघटना के पदाधिकारी दीपक पागर ने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने करीब 3 लाख टन प्याज कम रेट पर खरीदी थी. अब वे इसे उस समय बाजार में बेच रही हैं जब रेट और भी नीचे जा चुके हैं. प्याज की मांग कम है और इससे किसानों की पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. उन्हें लागत भी नहीं निकल रही. पागर और उनके संगठन के सदस्यों ने प्याज ले जा रहे ट्रकों को रोककर ड्राइवरों से अपील की कि वे अब ऐसा न करें. साथ ही चेतावनी दी कि अगर ऐसा जारी रहा तो किसान अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे. हमारी आवाज उठाने के लिए हमारे पास हर मंच खुला है.