Mango Farming: आम के पेड़ों के लिए अक्टूबर का महीना बेहद ही संवेदनशील होता है. इन दिनों अगर किसान आम के बागों का सही से खयाल नहीं रखते हैं तो पौधों पर कीटों का खतरा बढ़ने लगता है. इस कारण से आम की क्वालिटी और उत्पादन दोनों पर बुरा असर पड़ता है. बरसात के बाद मौसम में नमी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे पौधों पर फफूंदजनक रोग भी तेजी से आक्रमण करते हैं. मुख्य रूप से इन दिनों आम के पेड़ों पर फल मक्खी यानी Fruit Fly का खतरा मंडराने लगता है. अगर किसान समय रहते आम के बागों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं करते हैं, तो पूरे के पूरे बाग चौपट हो सकते हैं और किसानों को भी इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है
बाग में लगाएं फ्रूट फ्लाई ट्रैप
अक्टूबर के महीने में अकसर आम के पेड़ों पर फल मक्खी कीट (Fruit Fly) का आक्रमण हो जाता है. ये कीट आम के पौधों के लिए बेहद ही खतरनाक होते हैं. ये कीट सीधे आम के फलों पर आक्रमण कर उन्हें संक्रमित करते हैं. बता दें कि, फल मक्खी आम के फलों में छोटे-छोटे छेद बनाकर उनमें अपने अंडे देती हैं, जिसके कारण फल खराब होकर सड़ने लगते हैं. क्योंकि, इस कीट का संक्रमण सितंबर के महीने में ज्यादा होता है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस समय अपने आम के बाग में फ्रूट फ्लाई ट्रैप (Fruit Fly Trap) लगाएं.

आम के फलों को खराब करती है फल मक्खी (Photo Credit- Canva)
इस ट्रैप को पौधों के चारों तरफ लगाने से फल मक्खियां ट्रैप से आकर्षित होती हैं और उनमें फंस जाती हैं. इस तरह किसान अपने आम के बाग में फल मक्खी की संख्या को बढ़ने से रोक सकते हैं.
फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव करें
दरअसल, आम के पौधों में अक्टूबर के दिनों में केवल कीटों का खतरा ही नहीं रहता है बल्कि मौसम में नमी की ज्यादा मात्रा होने के कारण पौधों में फफूंदजनित रोगों (Fungal Disease) के लगने का खतरा मंडराने लगता है. बता दें किअक्टूबर के दिनों में आम के पौधों फफूंद के कारण एन्थ्रेक्नोज, चूर्णिल आसिता रोग जैसे रोगों के संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है. ऐसे में अगर किसान अपने आम के बागों को इन रोगों से बचाना चाहते हैं तो और उन्हें कंट्रोल करना चाहते हैं तो पौधों पर फफूंदनाशक दवाओं का छिड़काव करना बहुत जरूरी होता है.
खरपतवार नियंत्रण है जरूरी
अक्टूबर के महीने में आम के पेड़ों के आसपास खरपतवार अपनी जगह बना लेते हैं और तेजी से पनपने लगते हैं. पेड़ों के आसापास उगने वाले ये खरपतवार आम के पौधों को मिलने वाला पोषण छीन लेते हैं और खुद उस पोषण की मदद से तेजी से बढ़ने लगते हैं. इस कारण से आम के पौधों की ग्रोथ रुक जाती है, जो कि आम उत्पादन पर भी बुरा असर डालते हैं. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि जैसे ही पेड़ों के पास खरपतवार दिखने लगें, तो किसान उसी समय खरपतवारों को हाथों से उखाड़कर फसल से अलग कर दें और समय-समय पर खरपतवारों की निगरानी करते रहें.