Animal Fodder: अपनी गाय-भैंस को खिलाएं ये खास घास, बाल्टी भर- भर के देंगी दूध

किसानों के लिए जानवरों के लिए सही चारा चुनना अब आसान. बरसीम, जिरका और नेपियर जैसी घास से दूध उत्पादन बढ़ेगा. पोषण और स्वास्थ्य दोनों मिलेगा, जिससे पशुपालन व्यवसाय और लाभकारी बन जाएगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 24 Oct, 2025 | 07:30 PM

Animal Fodder : देश में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी अब किसानों के लिए आय का बड़ा स्रोत बन गया है. दूध की मांग कभी कम नहीं होती है, इसलिए किसान हमेशा यही सोचते रहते हैं कि कैसे अपने पशुओं से ज्यादा दूध लिया जाए. दूध उत्पादन बढ़ाने में सिर्फ देखभाल ही नहीं, बल्कि सही प्रकार का चारा देना भी अहम भूमिका निभाता है. अगर आप अपने पशुओं को पोष्टिक और स्वादिष्ट घास खिलाएंगे, तो उनका स्वास्थ्य भी सही रहेगा और दूध की मात्रा भी बढ़ेगी.

बरसीम घास: पोषण और स्वाद का संगम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बरसीम घास को दुधारू पशुओं के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इसमें कैल्शियम और फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों और दूध उत्पादन के लिए जरूरी हैं. यह घास पशुओं को बहुत पसंद आती है और इसे खाने के बाद उनकी पाचन क्रिया भी बेहतर होती है. नियमित रूप से बरसीम घास देने से आपके पशु स्वस्थ रहेंगे और दूध की गुणवत्ता भी बढ़ेगी.

जिरका घास: सिंचाई कम और उत्पादन ज्यादा

जिरका घास बरसीम घास  की तुलना में कम पानी में भी उग जाती है. इसका बुवाई का समय अक्टूबर-नवंबर के महीने में सबसे बेहतर माना जाता है. यह घास जल्दी बढ़ती है और पशुओं के लिए स्वादिष्ट होती है. किसान भाइयों के लिए इसका लाभ यह है कि कम मेहनत और कम पानी में ही यह पोष्टिक चारा तैयार हो जाता है. इससे पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और दूध का उत्पादन भी अधिक होता है.

नेपियर घास: तेज फसल और अधिक दूध

नेपियर घास  गन्ने जैसी लंबी और हरी घास होती है. इसे दुधारू पशुओं के लिए सबसे पोष्टिक आहार माना जाता है. खास बात यह है कि इसकी फसल मात्र 50 दिनों में तैयार हो जाती है. इसका मतलब है कि किसान जल्दी से जल्दी अपने पशुओं को नया चारा उपलब्ध करवा सकते हैं. नेपियर घास खाने से पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध की मात्रा भी बढ़ती है.

अन्य पोष्टिक घासें और चारा

इसके अलावा, किसान अपने पशुओं को मेथी, मूली के पत्ते, गाजर की पत्तियां और सरसों के बीज के पत्ते भी दे सकते हैं. ये सभी चीजें दूध उत्पादन  में मदद करती हैं और पशुओं को ऊर्जा देती हैं. समय-समय पर इन पौष्टिक चरों को शामिल करने से पशु लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं और दूध की मात्रा स्थिर रहती है.

सही समय और मात्रा का ध्यान

पशुओं को पोष्टिक घास देने के साथ-साथ उनकी खुराक का सही समय और मात्रा भी महत्वपूर्ण है. सुबह और शाम के समय घास देना सबसे बेहतर माना जाता है. इसके अलावा, साफ और ताजा पानी भी हमेशा उपलब्ध कराएं. इससे पशु न सिर्फ स्वस्थ रहते हैं बल्कि उनका दूध भी ज्यादा  और गुणवत्तापूर्ण बनता है.

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Published: 24 Oct, 2025 | 07:30 PM

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