कम खर्च, ज्यादा दूध- जानिए पोनवर नस्ल की गाय क्यों है किसानों की पहली पसंद

Ponwar Breed:- पोनवर नस्ल की गाय देशी नस्लों में खास मानी जाती है. पोनवर नस्ल की गाय, जिसे पूर्णिया गाय के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये गाय किसानों को ज्यादा पसंद क्यों आती है. आइए जानते हैं....

Kisan India
नोएडा | Published: 25 Sep, 2025 | 03:41 PM

Ponwar Breed:- पोनवर नस्ल की गाय, जिसे पूर्णिया गाय के नाम से भी जाना जाता है, भारत के कई राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में पाई जाती है. यह गाय अपनी मध्यम आकार की बनावट, चमकदार आंखों और अच्छा दूध उत्पादन के लिए मशहूर है. यदि आप पशुपालन करते हैं या करने का सोच रहे हैं, तो पोनवर गाय आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है. इस खबर में हम आपको पोनवर गाय की विशेषताएं और सही देखभाल के बारे में जानकारी देंगे.

पोनवर गाय की शारीरिक विशेषताएं और दूध उत्पादन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पोनवर गाय का शरीर मध्यम आकार का होता है. इसकी सबसे खास बात इसके छोटे-छोटे कान, चमकदार आंखें और विकसित कूबड़ है. इस गाय की लंबाई लगभग 109 सेंटीमीटर होती है. इस नस्ल की गाय रोजाना लगभग 10 से 12 लीटर तक दूध देती है, जो अन्य सामान्य गायों की तुलना में अच्छा उत्पादन माना जाता है. इसलिए ये गाय दूध उत्पादन के लिए किसानों के बीच लोकप्रिय है.

पोनवर गाय का भोजन

इस गाय का आहार संतुलित और पौष्टिक होना जरूरी है ताकि यह अच्छी सेहत और दूध उत्पादन बनाए रख सके. पोनवर गाय मक्का, जौ, बाजरा, चना, गेहूं, चोकर, मकई की भूसी, मूंगफली का छिलका, तिल का छिलका और कपास के बीज के छिलकों को खाना पसंद करती है. साथ ही, हरी चारा और भूसे को मिलाकर खिलाने से इसका दूध उत्पादन बढ़ता है. इसलिए किसान को यह ध्यान देना चाहिए कि गाय को हर समय पौष्टिक और ताजा भोजन मिले.

पोनवर गाय के लिए उचित आश्रय

पोनवर गाय को अच्छा और सुरक्षित आश्रय मिलना बहुत जरूरी है. इसे भारी बारिश, तेज धूप और ठंडी हवाओं से बचाना चाहिए. गाय के आश्रय में हमेशा स्वच्छ हवा का प्रवाह होना चाहिए और पानी की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए. आश्रय का फर्श साफ और सूखा होना चाहिए ताकि गाय स्वस्थ और आराम महसूस करे. उचित आवास से न केवल गाय की सेहत ठीक रहती है बल्कि इसका दूध उत्पादन भी बेहतर होता है.

गर्भवती और बछड़ों की देखभाल

गर्भवती गाय की खास देखभाल बहुत ज़रूरी होती है. इस दौरान उसकी डाइट और आराम का पूरा ध्यान रखना चाहिए. अच्छे प्रबंधन से न केवल स्वस्थ बछड़ा जन्म लेता है, बल्कि गाय का दूध उत्पादन भी बढ़ता है. नवजात बछड़े को जन्म के तुरंत बाद गर्म कपड़े या बोरे से ढक कर गाय के पास रखना चाहिए. बछड़े के मुंह से कफ हटाना और सांस लेने में कोई दिक्कत होने पर सावधानी बरतना आवश्यक है. इससे बछड़े की सेहत ठीक रहती है और वह जल्दी स्वस्थ हो जाता है.

टीकाकरण और स्वास्थ्य सुरक्षा

पोनवर गाय और उसके बछड़ों का नियमित टीकाकरण (Vaccination) करना बहुत ज़रूरी है. पशु रोगों से बचाव के लिए सभी जरूरी टीके समय पर लगवाना चाहिए. बछड़े का टीकाकरण जन्म के 7 से 10 दिनों के अंदर कराना चाहिए और उसकी सींग को भी हटा देना चाहिए ताकि संक्रमण का खतरा न हो. टीकाकरण से गाय स्वस्थ रहती है और बेहतर दूध उत्पादन कर पाती है.

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