अब बाजार में नहीं बिकेंगी छोटी मछलियां, महाराष्ट्र सरकार ने लागू किए ये नए नियम

अब राज्य में बिकने वाली मछलियों का न्यूनतम आकार (Minimum Legal Size – MLS) तय कर दिया गया है. इस पहल का उद्देश्य युवा मछलियों की बेवजह पकड़ को रोकना और उनके प्रजनन को सुनिश्चित करना है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 15 Oct, 2025 | 08:02 AM

Maharashtra Fish Rules: महाराष्ट्र सरकार ने मछली की बिक्री और संरक्षण को लेकर एक नया कदम उठाया है. अब राज्य में बिकने वाली मछलियों का न्यूनतम आकार (Minimum Legal Size – MLS) तय कर दिया गया है. इस पहल का उद्देश्य युवा मछलियों की बेवजह पकड़ को रोकना और उनके प्रजनन को सुनिश्चित करना है. इसके लिए सरकार ने सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) के साथ साझेदारी की है.

क्यों जरूरी था यह कदम?

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र में मछली पकड़ने की परंपरा ने युवा मछलियों को भी शामिल कर लिया था. इससे मछलियों का प्रजनन प्रभावित हुआ और राज्य की सालाना मछली उत्पादन में गिरावट आई. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मछली समय से पहले पकड़ी जाए, तो वह बढ़कर पूर्ण आकार तक नहीं पहुंच पाती और भविष्य में मछली की उपलब्धता कम हो जाती है.

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि अब यदि कोई मछली तय न्यूनतम आकार (MLS) से छोटी पकड़ी जाती है, तो संबंधित मछली विभाग कड़े कार्रवाई करेगा. उदाहरण के तौर पर, राज्य की आधिकारिक मछली सिल्वर पोम्फ्रेट और बंगड़ा (इंडियन मैकेरल) कम से कम 14 सेंटीमीटर लंबी होनी चाहिए. इसी तरह झींगा 9 सेंटीमीटर, बॉम्बे डक 18 सेंटीमीटर और सुरमई 37 सेंटीमीटर लंबी होनी चाहिए. महाराष्ट्र यह नियम लागू करने वाला देश का केरल के बाद दूसरा राज्य बन गया है.

मछली उत्पादन और व्यवसाय में बढ़त

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस साल मॉनसून के दौरान कड़े प्रतिबंधों के कारण युवाओं वाली मछलियों की पकड़ कम हुई. इसका परिणाम यह हुआ कि पोस्ट-मॉनसून सीजन में मछली की संख्या और आकार दोनों बढ़ गए. अधिकारियों ने बताया कि प्री-मॉनसून में केवल 995 टन पोम्फ्रेट मछली उपलब्ध थी, लेकिन पांच महीने नियंत्रित मछली पकड़ने के बाद यह संख्या चार गुना से अधिक बढ़ गई.

इसके साथ ही व्यवसाय में भी बड़ी तेजी आई. मार्च से मई के बीच 11 करोड़ रुपये का व्यापार अब बढ़कर 350 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. वरिष्ठ मछली विभाग के अधिकारी ने बताया कि इससेकेवल मछली की संख्या बढ़ी है बल्कि मछलियों का औसत आकार भी तय सीमा से ऊपर पहुंच गया है.

जागरूकता और पालन आवश्यक

हाल ही में राज्य के मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने MLS नियमों और युवा मछलियों की सुरक्षा पर समीक्षा बैठक की. उन्होंने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि मछुआरों और व्यापारियों द्वारा नियमों का सही पालन हो सके.

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न मछली प्रकारों के न्यूनतम आकार वाले पोस्टर जारी किए गए हैं. इसका उद्देश्य मछुआरों, व्यापारियों और तटीय समुदायों को यह समझाना है कि युवा मछलियों की सुरक्षा और MLS नियमों का पालन करना लंबी अवधि में मछली पालन और व्यवसाय के लिए लाभदायक है.

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