ये वायरस पशुओं की ले रहा जान.. खतरे में पशुपालक, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

यह एक ऐसा रोग है, जो मवेशी, बकरी और भेड़ों में फैलता है. ऐसे में पशुओं का ध्यान रखना बहुत जरूरी हैं. पशुपालक इसे नजरअंदाज न करें, नहीं तो भारी नुकसान हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि पशुपालन विभाग ने इससे बचने के लिए क्या सलाह दी है.

Kisan India
नोएडा | Published: 13 Oct, 2025 | 05:28 PM

Brucellosis Infection : पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में एक गंभीर खतरा मंडरा रहा है. ये संक्रमण से आपके पशुओं की जान भी ले सकता है. इस संक्रमण से ज्यादातर भेड़, बकरी और  सुअरों के साथ-साथ कई बड़े पशु भी इसके चपेट में आ रहें हैं. इस संक्रमण को देखते हुए और बचाव के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. ऐसे में आइए जानते हैं विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी और इस संक्रमण के बारे में…

ब्रुसेलोसिस क्या है?

पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा जारी किए गए एडवाइजरी में ब्रूसीलोसिस संक्रमण के बारे में बताया गया है. यह संक्रमण एकजीवाणु रोग  है जो ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है. यह रोग पशुओं में गर्भपात, कमजोरी, बुखार और दूध की गुणवत्ता  में गिरावट जैसी गंभीर समस्याएं पैदा करता है. खास बात यह है कि यह रोग चुपचाप फैलता है. कई बार किसान इसे समय पर पहचान नहीं पाते, जिससे संक्रमित पशु लंबे समय तक बीमारी के साथ रह सकते हैं और अन्य पशुओं में भी संक्रमण फैलता है.

किन पशुओं को होता है अधिक खतरा

ब्रुसेलोसिस संक्रमण

ब्रुसेलोसिस संक्रमण

पशुपालन और डेयरी विभाग के अनुसार, यह रोग मुख्य रूप से मवेशी, बकरी, भेड़ और सूअरों को प्रभावित  करता है. गर्भवती जानवरों में यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है. दूध देने वाले पशुओं में दूध की मात्रा कम हो जाती है और उनके स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक असर पड़ता है. छोटे और बड़े दोनों प्रकार के पशुपालक इसे गंभीरता से लें, क्योंकि यह संक्रमण बहुत तेजी से फैल सकता है.

लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

ब्रुसेलोसिस के कुछ मुख्य लक्षण हैं:-

  • लगातार हल्का या तेज बुखार  होना
  • कमजोरी और सुस्ती
  • गर्भवती जानवरों में गर्भपात या मृत भ्रूण
  • दूध की मात्रा और गुणवत्ता में कमी
  • जोड़ों में सूजन या दर्द

किसानों को सलाह दी जाती है कि यदि पशु में ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत पशु चिकित्सा अधिकारी  से संपर्क करें. समय पर इलाज न होने पर रोग अन्य जानवरों तक भी फैल सकता है.

बचाव और रोकथाम

रोग से बचाव के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग ने कुछ आसान लेकिन महत्वपूर्ण कदम सुझाए हैं:-

  • टीकाकरण:- सभी पशुओं का नियमित टीकाकरण करवाएं . यह सबसे असरदार तरीका है.
  • साफ-सफाई:- पशुशालाओं को साफ और सूखा रखें. संक्रमित मल, पेशाब और अन्य अपशिष्ट को तुरंत नष्ट करें.
  • संक्रमित पशु अलग रखें:- अगर कोई पशु संक्रमित हो, तो उसे अन्य पशुओं से अलग रखें.
  • डॉक्टर की सलाह:- किसी भी लक्षण पर तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श करें.
  • शुद्ध पानी और आहार:- हमेशा स्वच्छ पानी और संतुलित आहार  दें, जिससे पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे.

किसानों के लिए संदेश

पशुपालन और डेयरी विभाग का कहना है कि ब्रुसेलोसिस से न सिर्फ पशुओं की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि डेयरी व्यवसाय और किसानों की आमदनी भी प्रभावित होती है. इसलिए सावधानी और समय पर टीकाकरण जरूरी है. यदि सही कदम उठाए जाएं, तो यह रोग पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है. किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पशुओं की नियमित निगरानी करें, किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत कार्रवाई करें और पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं का लाभ उठाएं.

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