मछली पालन कर अच्छी कमाई कर रहीं भागलपुर की लूसी कुमारी, घर-परिवार में आई सुख और समृद्धि

मत्स्य अंगुलिकाएं मछली पालन के लिए तैयार की जाने वाली छोटी मछलियां हैं. इन अंगुलिकाओं को तालाबों, नदियों या मछली फार्मों में छोड़कर मछली पालन किया जाता है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 1 Sep, 2025 | 11:39 AM

देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महिलाओं का भी उतना ही योगदान है जितना कि पुरुषों का. इस बात को देश की तमाम महिलाएं सच साबित करती हैं अपनी मेहनत और लगने से बनाई गई अपनी पहचान के माध्यम से. ऐसा ही कुछ किया बिहार के भागलपुर जिले में रहने वाली लूसी कुमारी ने, जिनकी सफलता की कहानी हम आज अपनी ‘चैंपियन किसान’ सीरीज में बताएंगे. लूसी कुमारी ने मछली पालन से न केवल अच्छी कमाई की है बल्कि अपने घर-परिवार को भी सुख और समृद्धि दी है. आज लूसी सर उठाकर अपना जीवन जी रही हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन गई हैं.  बता दें कि, लूसी कुमारी की सफलता के इस रास्ते में उन्हें सरकार का भी पूरा साथ मिला.

केज कल्चर विधि से किया मछली पालन

बिहार पशु निदेशालय एवं मत्सय विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, बिहार में मौजूद जलाशयों में केज कल्चर जैसी नई वैज्ञानिक तकनीक की मदद से मछली पालन और मत्स्य अंगुलिकाएं यानी इंसान की उंगली के आकार के मछली के बच्चों के उत्पादन की बेहतर संभावनाएं हैं. इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए बिहार के भागलपुर जिले के नारायण प्रखंड की रहने वाली लूसी कुमारी ने केज कल्टर विधि से मत्स्य अंगुलिकाओं का उत्पादन शुरू किया है. बता दें कि, लूसी को इससे बहुत फायदा मिला है और आज वे इसके उत्पादन से बेहतर कमाई कर अपने जीवनयापन अच्छे से कर रही हैं. आर्थिक रूप से भी लूसी कुमारी मजबूत और आत्मनिर्भर हुई हैं.

Fish Farming

केज कल्चर विधि से मछली पालन

सरकारी योजना से मिला प्रोत्साहन

भागलपुर के नारायण प्रखंड की रहने वाली लूसी कुमारी बताती हैं कि उन्हें उनके जेठ ने प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद घर-परिवार और सरकारी योजना से मिले प्रोत्साहन के बाद लूसी ने केज कल्टर बनाकर मत्स्य अंगुलिकाओं का उत्पादन शुरू किया है. लूसी बताता है कि उत्पादन करने के कुछ ही दिनों में उनकी स्थिति में सुधार आया है. उन्होने बताया कि वे अबतक 30 हजार मत्स्य अंगुलिकाओं का उत्पादन कर बेच चुकी हैं जिनसे उन्हें 60 हजार रुपये की आमदनी हुई है. लूसी कहती हैं कि, इस कमाई से उनका घर-परिवार अच्छे से चल रहा है. वे बताती हैं कि, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जुड़ने के बाद आज वे अपने परिवार के साथ एक ऐसा जीवन जी रही हैं जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी.

Success Story

मत्स्य अंगुलिकाओं के उत्पादन से अच्छी कमाई

मत्स्य अंगुलिकाओं के फायदे

मत्स्य अंगुलिकाएं मछली पालन के लिए तैयार की जाने वाली छोटी मछलियां हैं. इन अंगुलिकाओं को तालाबों, नदियों या मछली फार्मों में छोड़कर मछली पालन किया जाता है. कुछ समय बाद ये मछलियां धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं  और कुछ महीनों में बाजार में बिकने लायक भी हो जाती हैं. बता दें कि, अगर ये मत्स्य अंगुलिकाएं उन्नत क्वालिटी की होती हैं तो इनके उत्पादन से मछली पालकों को अच्छी आमदनी मिलती है. ऐसे लोग जो मछली पालन की शुरुआत करना चाहते हैं उन्हें ध्यान रखना होगा कि मत्स्य अंगुलिकाओं का उत्पादन मछली पालन का सबसे जरूरी हिस्सा है.

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Published: 1 Sep, 2025 | 10:00 AM

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