खराब मौसम से चौपट नहीं होंगी दलहन फसलें, जलवायु अनुकूल किस्में तैयार कर रहा कृषि मंत्रालय

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि दालों का प्रति हेक्टेयर उत्पादन कम है. उसे बढ़ाने के लिए रणनीति के तहत जलवायु अनूकूल किस्मों को तैयार किया जा रहा है. इन किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी काम करेंगे.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 9 Oct, 2025 | 04:35 PM

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दलहन की खेती को लेकर हमारी चिंताएं हैं- हम दालों में आत्मनिर्भर नहीं हैं. इसलिए आयात और निर्यात नीति पर निगरानी रखी जाएगी. आत्मनिर्भर बनने के लिए दलहन मिशन शुरू किया गया है. हमारा लक्ष्य है कि 2030-31 तक दालों के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी की जाएगी. अभी दालों का रकबा 275 लाख हेक्टेयर है इसे बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर करेंगे. 242 लाख टन उत्पादन है इसे बढ़ाकर 350 लाख टन उत्पादन बढ़ाना है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रति हेक्टेयर उत्पादक कम है, 880 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर दालों का उत्पादन है. 1130 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर करेंगे. इसके लिए हमने जो रणनीति बनाई है, अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है. दालों के बीज, किस्मों पर काम किया जाएगा. क्योंकि, दालों की फसलों मौसम बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. कीटों से बचाने के लिए जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास करेंगे. इन बीजों को किसानों तक पहुंचाया जाएगा.

सर्दी-गर्मी बर्दाश्त करने वाली किस्में तैयार होंगी

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गेहूं और धान की तुलना में दालों का उत्पादन कम होता है. क्योंकि यह फसलें ज्यादा सर्दी या गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. दलहन फसलों में कीटों का प्रकोप भी ज्यादा होता है. इससे बचाने के लिए कीट प्रतिरोध और मौसम अनुकूल किस्मों का विकास किया जा रहा है. दलहन मिशन के तहत दालों की खेती और उपज बढ़ाने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं.

126 क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को दिए जाएंगे

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों तक इन बीजों को पहुंचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. 126 क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को दिए जाएंगे. बीजों की मिनी किट किसानों को मुफ्त दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 1000 प्रॉसेसिंग यूनिट लगाई जाएंगी और सब्सिडी दी जाएगी.

कम उत्पादन वाले 100 जिलों पर मंत्रालय का खास फोकस

उन्होंने कहा कि खेती की उत्पादकता हर राज्य और जिलों में अलग-अलग हैं. इसे ठीक करने के लिए कम उत्पादकता वाले जिलों का चयन किया जाएगा और वहां उत्पादन बढ़ाने के लिए खासतौर पर कृषि विभाग काम करेगा. ऐसे 100 जिलों पर कृषि मंत्रालय का खास फोकस होगा. कृषि धन धान्य योजना के तहत ऐसे में जिलों सिंचाई से लेकर, बीज, मिट्टी आदि में सुधार के काम किए जाएंगे.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 9 Oct, 2025 | 03:45 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%