खेती में नए प्रयोग और तकनीक हमेशा किसानों के लिए मुनाफे का कारण होती है. कभी-कभी छोटे-छोटे तरीके भी बड़ी सफलता दिला सकते हैं. ऐसा ही एक तरीका है एयर लेयरिंग, जो खासतौर पर उन पौधों के लिए उपयोगी है जिन्हें काटकर फैलाना मुश्किल होता है या जो बाजार में महंगे मिलते हैं. रिसिया स्वर्ण जयंती पार्क के उद्यान निरीक्षक मनजीत सिंह बताते हैं कि इस विधि से शाखाओं को मूल पौधे से जुड़े रहने के दौरान जड़ने का मौका मिलता है. किसान इसे अपनाकर पौधों की संख्या बढ़ा सकते हैं और नर्सरी बिजनेस से मोटी कमाई कर सकते हैं.
एयर लेयरिंग क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयर लेयरिंग एक ऐसी विधि है जिसमें पौधे की शाखा को मूल पौधे से अलग किए बिना जड़ें उगाई जाती हैं. यह तरीका खासतौर पर नींबू, अमरूद, अनार, बेर, कटहल जैसे वुडी पौधों के लिए कारगर है. इससे पौधे का उत्पादन बढ़ता है और नए पौधे बनाने में समय और पैसा दोनों की बचत होती है.
एयर लेयरिंग कैसे करें?
एयर लेयरिंग के लिए कुछ साधारण सामग्री चाहिए-तेज चाकू, पारदर्शी प्लास्टिक पन्नी, फंगस की दवा, पहाड़ी घास और धागा. सबसे पहले पौधे की मजबूत और स्वस्थ टहनी चुनें. शाखा के बाहरी हिस्से को गोल आकार में छीलें, लेकिन ध्यान रखें कि टहनी टूटे नहीं. छिले हुए हिस्से पर फंगस की दवा लगाएं. इसके बाद पहाड़ी घास या मॉस से ढककर प्लास्टिक में कसकर लपेट दें. लगभग एक महीने में जड़ें उगने लगेंगी. जड़ें मजबूत होने पर शाखा को नीचे से काटकर अलग पौधे की तरह लगा दें. इस प्रक्रिया से किसान एक पौधे से कई नए पौधे तैयार कर सकते हैं.
नींबू की एयर लेयरिंग सबसे ज्यादा लोकप्रिय
नींबू की मांग पूरे साल बनी रहती है. इसलिए किसान अक्सर आचारी नींबू की एयर लेयरिंग करना पसंद करते हैं. ताजी टहनियों का चयन किया जाता है और कटे हुए हिस्से को सावधानी से फंगस की दवा , घास और प्लास्टिक से लपेटा जाता है. लगभग एक महीने में जड़ें निकल आती हैं. इससे पौधों की संख्या बढ़ती है और किसान बाजार में अच्छी कमाई कर सकते हैं.
नर्सरी बिजनेस से मोटी कमाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसान इस तकनीक को अपनाकर अपनी खुद की नर्सरी भी खोल सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर 100 पौधे तैयार करें- लागत लगभग 2000 रुपए आएगी, जबकि बाजार में इनकी बिक्री 100 रुपए प्रति पौधा के हिसाब से 10,000 रुपए तक हो सकती है. यानी एक महीने में 8,000 रुपए शुद्ध मुनाफा, और यदि इसे बढ़ाया जाए तो सालाना लाखों रुपए की कमाई संभव है.
वैज्ञानिकों से सलाह लेकर सफल बनाएं
पहली बार एयर लेयरिंग अपनाते समय अपने निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेना फायदेमंद होता है. वैज्ञानिक सही मौसम, पौधा चयन और तकनीक के बारे में सलाह देते हैं, जिससे सफलता की संभावना बढ़ती है.