हल्दी, करौंदा और बेर की मचान विधि से खेती करने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. जबकि, सिंचाई की नई तकनीक इस्तेमाल करने के लिए 90 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है. वहीं, बागानों की घेराबंदी के लिए भी सरकार पैसा दे रही है.
कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कटाई के समय हुई बारिश ने उड़द और मूंग की फसल को 30–50 फीसदी तक नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि मूंग की पैदावार 10–20 फीसदी तक घट सकती है, जबकि गुणवत्ता में 30–40 फीसदी गिरावट आएगी.