Kisan India Annapurna Summit 2025 में वीगो ग्रीन के एमडी शंकर गोयनका ने कहा कि जहां एक एकड़ में मैन्युअली कीटनाशक का स्प्रे करने पर 200 लीटर पानी खर्च होता है. वहीं ड्रोन की मदद से स्प्रे करने पर केवल 10 लीटर में ही काम हो जाता है. उन्होंने कहा कि हाथ से कीटनाशक का छिड़काव करने पर 70 फीसदी पानी बर्बाद हो जाता है.
एक मच्छर के काटने से बकरी की जान खतरे में, नीली जीभ दिखे तो समझिए ब्लू टंग बीमारी का हमला
ब्लू टंग बीमारी बकरियों के लिए गंभीर खतरा बन सकती है. यह बीमारी मच्छरों के काटने से फैलती है और तेज बुखार, नीली जीभ व कमजोरी जैसे लक्षण दिखते हैं. समय पर सफाई, बचाव और टीकाकरण से बकरियों की जान बचाई जा सकती है और नुकसान से बचा जा सकता है.
खेती में मुनाफा चाहिए तो अपनाएं सेम की खेती, कम खर्च में ज्यादा पैदावार का आसान तरीका
सेम की खेती अब किसानों के लिए कम लागत में अच्छी आमदनी का जरिया बनती जा रही है. यह फसल न ज्यादा पानी मांगती है और न ही ज्यादा मेहनत. सही जमीन, समय पर बुवाई और संतुलित देखभाल से इसकी पैदावार बढ़ाई जा सकती है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा मिलता है.