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अलसी, सरसों या नारियल तेल से शरीर की मालिश करने से त्वचा पर मौजूद जूं और चिचड़ी कमजोर होते हैं.
लहसुन में मौजूद सल्फर त्वचा पर लगने वाले कीटों को खत्म कर सकते हैं. इसका पाउडर बनाकर हफ्ते में दो बार पशु की त्वचा पर मलें.
सप्ताह में दो बार गाढ़े साबुन से नहलाकर आयोडीन मिलाकर रगड़ने से जूं व घाव दोनों से राहत मिलती है.
टी ट्री ऑयल या नीम ऑयल को किसी बेस तेल के साथ मिलाकर लगाने से जूं और चिचड़ी की समस्या जल्दी खत्म होती है.
चूना व सल्फर को पानी में मिलाकर लेप तैयार करें और हर 7-10 दिन में पशु पर लगाएं. ये उपाय संक्रमण को फैलने से रोकता है.
अगर समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह से आइवरमेक्टिन इंजेक्शन दिया जा सकता है. इसके 2 हफ्तों तक दूध का सेवन न करें.
अगर पशु लगातार खुजला रहा हो, दूध कम दे रहा हो या चिड़चिड़ा हो गया हो, तो यह त्वचा परजीवियों का संकेत है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.