महाराष्ट्र में प्याज की कीमतें 800 रुपये से बढ़कर 1600 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं, जिससे किसानों को कुछ राहत मिली. यह बढ़ोतरी बांग्लादेश द्वारा आयात की अनुमति देने से हुई.
आधुनिक तकनीक से लैस मशीनें आने के बाद से खेती का काम काफी आसान हो गया है. फसल में खाद डालने की प्रक्रिया को तेज और कुशल बनाने के लिए भी मशीनें आ गई हैं, जिनसे न केवल समय की बचत होती है बल्कि खेत में खाद का वितरण भी एक समान तरीके से हो जाता है.
पानी की कमी से गाय का दूध उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती हैं, जिससे गाय का स्वास्थ्य भी खराब होता है. सही देखभाल से दूध और सेहत दोनों बेहतर होती हैं.