किसान मीणा बताते हैं कि इस गैस के माध्यम से खाना आराम से बन जाता है और गैस सिलेंडर की जरूरत भी नहीं होती. बता दें कि करीब पिछले 3 साल से गिरिराज मीणा गोबर गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं और गैस सिलेंडर नहीं भरवा रहे हैं.
इस मशीन में ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली का उपयोग करके हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) और चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म चलाया जाता है. वहीं, बीज मापने की इकाई में वैक्यूम ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाले एस्पिरेटर ब्लोअर द्वारा तैयार किया जाता है.
प्राकृतिक खाद से उगाए गए अनाज का ज्यादा भाव देने की घोषणा की है. राज्य सरकार किसानों को रसायन मुक्त प्राकृतिक और जैविक खाद उपलब्ध करा रही है.