फर्मेंटेशन प्रक्रिया से फीड में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीव सक्रिय हो जाते हैं, जो आहार को अधिक पौष्टिक बना देते हैं.

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फर्मेंटेड फीड में मौजूद एसिड और अच्छे बैक्टीरिया मुर्गियों के पाचन को दुरुस्त रखते हैं, जिससे उनकी भूख और सेहत में सुधार होता है.

इस फीड को खाने से अंडों का आकार बड़ा होता है, छिलका मजबूत बनता है और उत्पादन में भी इजाफा देखने को मिलता है.

यह फीड हानिकारक बैक्टीरिया जैसे सैल्मोनेला को बढ़ने से रोकता है, जिससे मुर्गियां स्वस्थ रहती हैं और संक्रमण का खतरा घटता है.

यदि किसान खुद अपने स्तर पर फर्मेंटेड फीड बनाते हैं, तो बाजार वाली महंगी फीड की तुलना में यह किफायती साबित होता है.

फर्मेंटेड फीड दो तरीकों से बनता है — सॉलिड स्टेट (सूखा और थोड़ा नम) और सबमर्ज्ड (गीला).

इस फीड में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया मुर्गियों की आंतों को स्वस्थ रखते हैं, जिससे उनका इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है.

अगर फीड बनाने में तापमान, नमी और स्वच्छता का ध्यान न रखा जाए, तो फर्मेंटेशन बिगड़ सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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