खाद के असली-नकली होने की पहचान करना इसलिए जरूरी है ताकि किसानों को अपनी फसलों के लिए सही पोषण मिल सकें, ताकि उन्हें अच्छी पैदावार मिलने के साथ ही मिट्टी की सेहत भी बनी रहे.
सरकार की अधिसूचना के मुताबिक अब कोई भी एंटीमाइक्रोबियल दवा इस उद्देश्य से नहीं दी जा सकती कि उससे पशु का वजन, दूध या अंडा उत्पादन बढ़ जाए. यानी, “ग्रोथ प्रमोशन” या “उपज बढ़ाने” के नाम पर दवा देना अब पूरी तरह से गैरकानूनी होगा.