कृषि शिक्षा एवं प्रसार ब्यूरो के अनुसार गेहूं की फसल में पहला पानी और पहली खाद सही समय पर देने से उत्पादन काफी बढ़ जाता है. ऐसे में गेहूं की ज्यादा पैदावार हासिल करने के लिए खाद और पानी की मात्रा और टाइमिंक सही होना बेहद जरूरी होता है. यहां फसल विकास चरण के हिसाब से खाद सुझाई जा रही हैं जो किसान अपना सकते हैं.
महंगे चारे से परेशान मछली पालकों के लिए यह तकनीक वरदान साबित हो रही है. फिश फीड मशीन की मदद से किसान घर पर ही सस्ता और पौष्टिक चारा तैयार कर सकते हैं. इससे लागत कम होती है, मछलियों की ग्रोथ तेज होती है और कमाई कई गुना बढ़ जाती है. नई तकनीक किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है.
तमिलनाडु के कृष्णागिरी में वायरल बुखार और त्वचा रोग के कारण पिछले एक महीने में 12 बछड़े मर गए. निजी चिकित्सक इलाज कर रहे हैं, लेकिन सरकारी विभाग अभी तक सक्रिय नहीं हुआ. पशुपालन विभाग जल्द ही एथाकिनारू और आसपास के क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाने की तैयारी कर रहा है.
गन्ने के साथ सहसली खेती के लिए 5,700 क्विंटल उन्नत किस्म की सरसों का बीज किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है. इन बीजों में ऐसी किस्मों को शामिल किया गया है जो इलाके की जलवायु के हिसाब से कम लागत में ज्यादा उपज देने में सक्षम हैं.