कृत्रिम गर्भाधान आज किसानों के लिए बड़ी मदद बन गया है. इस तकनीक से बिना ज्यादा खर्च किए स्वस्थ और बेहतरीन नस्ल के पशु तैयार किए जा सकते हैं. इससे दूध उत्पादन बढ़ता है, रोगों का खतरा कम होता है और किसानों की कमाई भी लगातार बढ़ती है. इसलिए यह तरीका तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
कृत्रिम गर्भाधान आज किसानों के लिए बड़ी मदद बन गया है. इस तकनीक से बिना ज्यादा खर्च किए स्वस्थ और बेहतरीन नस्ल के पशु तैयार किए जा सकते हैं. इससे दूध उत्पादन बढ़ता है, रोगों का खतरा कम होता है और किसानों की कमाई भी लगातार बढ़ती है. इसलिए यह तरीका तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण गेहूं की बुआई इस साल देर से हो रही है. अब तक केवल 30.14 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है. कृषि विभाग ने देर से बोने वाली PBW किस्मों की सिफारिश की है और बाढ़ प्रभावित किसानों को समय पर 1.50 लाख क्विंटल मुफ्त बीज वितरित किए गए हैं, ताकि उत्पादन प्रभावित न हो.