खेत की जुताई में न हो गलती, ट्रैक्टर के अनुसार चुनें सही टाइन वाला कल्टीवेटर
हर ट्रैक्टर की अपनी क्षमता होती है और उसी के हिसाब से कल्टीवेटर चुनना जरूरी है. आमतौर पर माना जाता है कि हर 5 से 6 हॉर्सपावर पर एक टाइन का कल्टीवेटर आराम से चल सकता है. छोटे ट्रैक्टरों में कम टाइन का कल्टीवेटर बेहतर रहता है, जिससे इंजन पर अनावश्यक दबाव न पड़े.
पशुओं को रसगुल्ले जैसी लगती है ये हरी घास! सेहत और दूध दोनों में जबरदस्त फायदा
पशुपालन में सबसे बड़ी चुनौती सस्ता और पौष्टिक चारा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपियर, ज्वार और बरसीम जैसी हरी घासें पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद हैं. इन्हें एक बार लगाकर कई साल तक उपयोग किया जा सकता है. इससे पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन भी बढ़ता है.
Wheat Farming Tips: पहली सिंचाई और सही खाद, जानें गेहूं की बंपर पैदावार का राज
गेहूं की खेती में पहली सिंचाई को सबसे अहम चरण माना जाता है. किसान इसे केवल पानी देने का समय नहीं, बल्कि पूरी फसल की नींव रखने का मौका मानते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, बुवाई के 20 से 25 दिन बाद की गई पहली सिंचाई अगर सही पोषण के साथ हो जाए, तो पैदावार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव है.