केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अभियान के अंतर्गत हमारे वैज्ञानिक खेतों में जा रहे हैं, वे क्षेत्र के अनुसार कृषि का रोडमैप बनाएंगे और उसी दिशा में हम राज्य सरकार के साथ मिलकर खेती को ले जाने का काम करेंगे.
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे जिलों में किसान खास तौर पर धान के बाद गेहूं की बुवाई के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही ICAR जैसी संस्थान भी खेती के इस तरीके को बढ़ावा दे रही है.
बैतूल के किसान भूपेंद्र पवार ने परंपरागत फसलें छोड़कर गेंदे की खेती और डेयरी से लाखों की कमाई की. भूपेंद्र की यह खेती अब आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बन चुकी है.