लीची को सफेद कपड़े पर रगड़ें. अगर उसता रंग उतरे तो समझें उस पर केमिकल या रंग का छिड़काव हुआ है.

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असली लीची का रंग हल्का गुलाबी या हरा-मटमैला होता है, जबकि नकली लीची बेहद चमकदार और लाल नजर आती है.

अगर लीची का आकार असामान्य रूप से बड़ा और चमकदार हो, तो उसमें केमिकल से पकाने की संभावना हो सकती है.

रंग या केमिकल मिली लीची खाने से पेट दर्द, उल्टी और फूड प्वाइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

लोकल, देसी और ताजा लीची आमतौर पर बिना केमिकल वाली होती है, जो सेहत के लिए बेहतर विकल्प है.

खरीदने के बाद लीची को साफ पानी से अच्छे से धोना जरूरी है ताकि उस पर चिपके केमिकल या धूल हट जाएं.

असली लीची में हल्की प्राकृतिक खुशबू और खुरदरा, असमान रंग का छिलका होता है. यह उसकी शुद्धता की पहचान है.

कुछ दुकानदार लीची में छेद करके उसमें शुगर सिरप भर देते हैं. ऐसे में खरीदते समय लीची को ध्यान से जांचें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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