देश में 150 केंद्रीय और राज्य स्तरीय कृषि संस्थानों के अलावा 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) हैं, फिर भी नई कृषि तकनीकों की जांच या पहुंच के लिए कोई एकीकृत मॉडल या सिस्टम नहीं है. मौजूदा व्यवस्था बिखरी हुई और धीमी है. सरकार को कृषि विकास के लिए कई बिंदुओं पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है.
भारत में पोल्ट्री कारोबार पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है. लोग अब पहले की तुलना में ज्यादा प्रोटीन वाला खाना पसंद कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में भी चिकन और अंडे की मांग तेजी से बढ़ी है. CRISIL की रिपोर्ट कहती है कि 2025-26 में पोल्ट्री उद्योग की कुल आय 4 से 6 फीसदी तक बढ़ सकती है.
सरकार का दावा है कि किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टॉक मौजूद है, लेकिन किसानों की शिकायत है कि खाद नहीं मिलती है. मामले की पड़ताल में कालाबाजारी और जमाखोरी वजह मिली है. अब इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने डिजिटल तरीके से किसानों को खाद की बिक्री शुरू की है.