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मुर्रा भैंस के दूध में अधिक वसा और एसएनएफ होता है. इस वजह से इससे पनीर, दही और घी बनाने में आसानी होती है.
यह भैंस कई रोगों के प्रति प्रतिरोधक होती है. इस वजह से इसे पालने और इसके इलाज में काफी कम खर्च आता है.
मुर्रा भैंस 2-3 साल में प्रजनन के लिए तैयार हो जाती है. ये भैंस हर दो साल में एक बच्चा जन्म देती है.
इस भैंस की पहचान और खासियत इसकी काली, चमकदार त्वचा, छोटे पीछे मुड़े सींग और लंबी पतली गर्दन हैं.
इसकी कीमत 70-80 हजार रु. होती है, लेकिन दूध उत्पादन अधिक होने से निवेश जल्दी निकल आता है.
उच्च गुणवत्ता, ज्यादा दूध उत्पादन के कारण डेयरी फार्म और किसानों के बीच इसकी मांग अधिक रहती है.
इसे छोटे किसान से लेकर बड़े डेयरी फार्म वाले तक पालना पसंद करते हैं.
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