स्मिता ने बताया कि उनकी पैकेजिंग यूनिट में करीब 100 महिलाएं काम करती हैं और उनकी यूनिट में काम करने वाले कर्मचारियों में ज्यादातर महिला कर्मी ही हैं. उन्होंने बताया कि इस सीजन 70 टन लीची की सप्लाई का लक्ष्य रखा गया है.
खेती में तेजी और कम लागत चाहने वाले किसानों के लिए मिनी रोटावेटर मशीन किसी वरदान से कम नहीं है. यह मशीन छोटे आकार के होने के बावजूद किसी भी तरह की मिट्टी में गहराई से जुताई कर सकती है.
बरसात का मौसम मुर्गी पालक किसानों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण होता है. इस मौसम में एक छोटी सी गलती पूरे झुंड की जान ले सकती है. इसलिए बाड़े की साफ-सफाई बहुत जरूरी है.