गेहूं कटाई के पुराने तरीके भूल जाइए, ये 3 मशीनें हैं किसानों की पहली पसंद
परंपरागत तरीके जैसे हाथ से कटाई में ज्यादा मजदूर लगते हैं, समय भी ज्यादा लगता है और लागत भी बढ़ जाती है. यही वजह है कि आज किसान आधुनिक ट्रैक्टर इम्प्लीमेंट्स की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. सरकार भी इस बदलाव को बढ़ावा दे रही है और कई योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है.
दूध की मशीन मानी जाती हैं ये देसी गायें, कम खर्च में देती हैं रोजाना 20 लीटर तक दूध
गांवों में डेयरी फार्मिंग आज भी आमदनी का भरोसेमंद जरिया है. सही नस्ल की गाय चुन ली जाए, तो कम खर्च में अच्छा दूध उत्पादन संभव है. गिर, साहिवाल और थारपारकर जैसी देसी नस्लें मजबूत शरीर, बेहतर दूध और कम बीमारी के लिए जानी जाती हैं. यही वजह है कि किसान इन्हें पहली पसंद मानते हैं.
खेती में बंपर पैदावार का असली राज, ऐसे बनाएं मिट्टी को उपजाऊ और ताकतवर
मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने की शुरुआत मृदा परीक्षण से होती है. मिट्टी की जांच कराने से यह पता चलता है कि खेत में किस पोषक तत्व की कमी है और किसकी अधिकता. इसके साथ ही मिट्टी का पीएच मान भी पता चलता है, जिससे यह समझना आसान हो जाता है कि कौन-सी फसल उस जमीन के लिए उपयुक्त रहेगी.